इंदौर: देश भर में स्वच्छता को लेकर चर्चित इंदौर में डॉग बाइट की घटनाएं अब लगातार चर्चा में हैं. स्थिति यह है कि यहां प्रतिदिन 500 से 600 लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं. लिहाजा सालाना कुत्तों के काटने का शिकार होने वाले लोगों की संख्या 2 लाख के आंकड़े को भी पार कर रही है. जिसके चलते अब लोगों को कुत्तों से अपना बचाव खुद करने की नसीहत दी जा रही है.
जनवरी माह में सामने आए 4 हजार मामले
डॉग बाइट के लिए नोडल अस्पताल हुकुमचंद अस्पताल के प्रभारी डॉ आशुतोष शर्मा के मुताबिक "इंदौर में प्रतिदिन 500 से 600 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. फिलहाल स्थिति यह है कि 2025 में जनवरी माह में ही 4 हजार डॉग बाइट के मामले आ चुके हैं. वहीं 2024 में 46 हजार से अधिक लोगों को कुत्तों ने शिकार बनाया था. वही हर दिन डॉग बाइट के मरीजों में इजाफा हो रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों को मार्निंग वॉक या अन्य जगहों पर जाते समय सावधानी रखनी होगी. हाथ में स्टिक लेकर ही मार्निंग वॉक पर निकलें."
इंदौर में रोजाना 500 से 600 लोग डॉग बाइट के शिकार (ETV Bharat) कुत्तों में भूख के चलते बढ़ रही आक्रामकता
इंदौर में स्वच्छता के चलते खानपान की सामग्री रहवासी क्षेत्रों के साथ-साथ सड़कों पर मिलना आसान नहीं है. जाहिर है ऐसी स्थिति में भूख के चलते आवारा कुत्तों में आक्रामकता बढ़ रही है. यही वजह है कि प्रतिदिन इंदौर में अन्य शहरों की तुलना में डॉग बाइट के शिकार लोगों की संख्या औसत रूप से ज्यादा है.
कुत्तों के लिए चलाया जा रहा नसबंदी अभियान
नगर निगम ने विगत दिनों कुत्तों की नसबंदी के लिए अभियान चलाया था लेकिन कुत्तों की धड़-पकड़ और नसबंदी करना निगम टीम के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि नगर निगम का दावा रहा है कि शहर में कुत्तों के लिए नसबंदी का प्रभावी अभियान चलाया जा रहा है.
इधर, महापौर पुष्यमित्र भार्गवने बताया कि "कुत्तों के लिए एनजीओ से संबंधित टीम के जरिए नगर निगम नसबंदी अभियान चला रहा है. कुत्तों के मामले में भारत सरकार की गाइडलाइन और पशु प्रेमी संस्थाओं से संवाद कर नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं."