उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नए डॉक्टरों को 2 साल सरकारी अस्पतालों में करना होगा काम, नहीं माने तो देने होंगे 10 लाख रुपये - UP Doctor news - UP DOCTOR NEWS

यूपी के सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस करने वाले डॉक्टरों पर बांड की सेवा शर्तें लागू होंगी. उन्हें सरकारी चिकित्सा संस्थान में दो साल अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी. ऐसा न करने पर 10 लाख का जुर्माना भरना होगा.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 5, 2024, 6:16 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस करने वाले डॉक्टरों पर बांड की सेवा शर्तें लागू होंगी. इंटर्नशिप पूरी करने के बाद उन्हें सरकारी चिकित्सा संस्थान में दो साल अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी. ऐसा न करने पर 10 लाख का जुर्माना भरना होगा. बता दें कि 2018 के उत्तीर्ण एमबीबीएस व बीडीएस के 2050 डॉक्टरों पर ये सेवा शर्त लागू की जा रही है. जल्द ही इन डॉक्टरों को काउंसलिंग के माध्यम से विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में तैनात किया जाएगा.


दरअसल, यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार तरह-तरह के प्रयोग कर रही है. विशेषज्ञता पूर्ण इलाज मुहैया कराने के लिए सरकारी चिकित्सा संस्थानों से परास्नातक (एमडी, एमएस व एमडीएस) की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को अनिवार्य सेवा शर्त के तहत दो साल के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में तैनात किया जाता है. जिससे मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सक मिलने लगे हैं.

'मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं होगी बेहतर'
इसके तहत ही 2018 में लागू शासनादेश के अनुसार सरकारी संस्थानों से उत्तीर्ण 1908 एमबीबीएस व 52 बीडीएस चिकित्सकों को विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त करने की तैयारी हो चुकी है. सभी सरकारी चिकित्सा संस्थान व मेडिकल कॉलेजों ने 2018 बैच के उत्तीर्ण चिकित्सकों की सूची जारी कर दी है. जिन्हें प्रस्तावित काउंसलिंग में आमंत्रित किया गया है. इन्हें नॉन पीजी ग्रेड के चिकित्सा अधिकारी ग्रेड में 5400 पे स्केल के अनुसार वेतन भी दिया जाएगा. इनमें जिन डॉक्टरों को नीट पीजी में प्रवेश मिल जाएगा. वह डॉक्टर अनिवार्य सेवा बांड से मुक्त हो जाएंगे. हर साल उत्तीर्ण होने वाले डॉक्टरों पर यही शर्त लागू होगी. डॉक्टरों की नियुक्ति होने पर मेडिकल कॉलेजों में नॉन पीजी डॉक्टरों का अभाव नहीं रहेगा. कॉलेज के अस्पतालों में और मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं बेहतर उपलब्ध होंगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details