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संभल की 24 कोसी परिक्रमा; 72 में 48Km रास्ता ही बचा, प्रशासन ने शुरू की खोज, शिकायत मिलने पर 11 किलोमीटर पैदल चले डीएम-एसपी - DM AND SP WALKED 11 KILOMETER

जिले में 68 तीर्थ और 19 कूप, 22 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग गायब, समस्याएं जानने को अधिकारियों ने की पदयात्रा, अब किया जाएगा संरक्षित

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यह परिक्रमा संभल के वंश गोपाल तीर्थ से प्रारंभ हुई. (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2025, 8:40 PM IST

Updated : Feb 4, 2025, 2:05 PM IST

संभल: संभल जिला प्रशासन शहर को धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. इस क्रम में अब यहां के 24 कोसी परिक्रमा मार्ग को फिर से उसके मूल स्वरूप में लौटाने की तैयारी है. करीब 72 किलोमीटर के परिक्रमा मार्ग में से वर्तमान में 48 किलोमीटर का रास्ता ही बचा है. इसको जानने-समझने के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया, एसपी और अन्य अधिकारियों ने 24 कोसीय परिक्रमा मार्ग पर 11 किलोमीटर की पदयात्रा की. संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप हैं प्रशासन ने 41 तीर्थ और सभी 19 कूप खोज लिए हैं. इसके अलावा यहां 9 ASI संरक्षित स्थल भी हैं.

डीएम ने बताया कि परिक्रमा मार्ग में आने वाली समस्याएं दूर की जाएंगी. (Video Credit; ETV Bharat)
परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Video Credit; ETV Bharat)

वंश गोपाल तीर्थ से शुरू हुई पदयात्रा: रविवार को सुबह 10:00 बजे से संभल की 24 कोसीय परिक्रमा शुरू की गई. यह परिक्रमा संभल के वंश गोपाल तीर्थ से प्रारंभ हुई. इस 24 कोसीय परिक्रमा का शुभारंभ संभल के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई ने किया. संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि इस परिक्रमा मार्ग में सभी अधिकारियों ने पदयात्रा की. करीब 11 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में अधिकारियों ने अपनी गाड़ियों को रास्ते में ही छोड़ दिया था. सब ने पैदल ही संभल की परिक्रमा की.

परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Photo Credit- ETV Bharat)

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल में एक शिकायत आई थी. इसमें बताया गया था कि 24 कोसीय परिक्रमा मार्ग है. यह संभल माहात्म्य में लिखा हुआ है कि यह कुल 24 कोस का है, लेकिन वर्तमान में 48 किलोमीटर की शेष है. रास्ते में होने वाली दुश्वारियां समझने के लिए वंश गोपाल मंदिर से परिक्रमा शुरू की गयी. सात-आठ गांव हम पैदल चले और लगभग 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा की. यह भोलेश्वर पुलिस चौकी पर पूर्ण हुई.

परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Photo Credit- ETV Bharat)

परिक्रमा मार्ग के अवरोधों पर चर्चा, रोड बनेगी- लाइटिंग होगी:उन्होंने कहा कि इस यात्रा मार्ग में जो भी अवरोध आए, उनके बारे में चर्चा की गयी. जहां रोड बननी है या लाइटिंग होनी है इसको लेकर बात की गयी. हमारे 22 नलकूप भी रास्ते में आते हैं. उन नलकूपों को अच्छे रमणीय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. परिक्रमा मार्ग में वंश गोपाल तीर्थ का बोर्ड डैमेज मिला. इसकी शिकायत मिली थी कि दो जगह पर बोर्ड को तोड़ा गया है. दोनों ही जगह पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गये हैं. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Photo Credit- ETV Bharat)
परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Photo Credit- ETV Bharat)

बता दें कि पुराणों के अनुसार इसी वंश गोपाल तीर्थ पर कदंब का वृक्ष है, जहां मान्यता है कि 5000 साल पहले भगवान श्री कृष्णा जी ने रुक्मणी जी के साथ यहां आकर रात्रि विश्राम किया था.

परिक्रमा पर डीएम-एसपी. (Photo Credit- ETV Bharat)

संभल में अब तक कितने तीर्थ खोजे गए

  • 14 दिसंबर 2024 को प्रशासन ने 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया.
  • संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों में से प्रशासन ने 41 तीर्थ स्थलों को खोजा, जबकि सभी 19 कूपों को भी तहसील प्रशासन की मदद से खोज निकाला गया.
  • 68 तीर्थ स्थलों में से अभी 27 तीर्थ स्थलों को खोजने का काम कर रहा प्रशासन.
  • प्रशासन ने चंदौसी में डेढ़ सौ साल पुरानी रानी की बावड़ी की खुदाई शुरू कराई.
  • चंदौसी में डेढ़ सौ साल पुराने बांके बिहारी मंदिर को भी संरक्षित करने पर काम शुरू.
  • संभल के 9 ASI संरक्षित स्मारकों पर भी काम शुरू.
  • 75 साल से गायब ASI संरक्षित संभल के अमरपती खेड़ा को भी प्रशासन ने खोज निकाला.
  • अतिक्रमण कर पाट दिए गए कुओं की भी खुदाई कराते हुए प्रशासन ने संरक्षित करने का काम किया शुरू.
  • संभल के सभी तीर्थ स्थलों, कुओं, कूपों और ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने के लिए पतंजलि से किया MOU. साथ ही वंदन योजना से भी तीर्थ स्थलों का किया जाएगा सौंदर्यीकरण.
परिक्रमा के दौरान वंश गोपाल तीर्थ में अफसर. (Photo Credit- ETV Bharat)

दिवाली के अगले दिन से शुरू होती है 24 कोसीय परिक्रमा:धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक संभल जिले के 68 तीर्थों और 19 कूपों की परिक्रमा के लिए हर साल दीपावली के अगले दिन बड़ी संख्या में देश-प्रदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह परिक्रमा उत्सव दो दिन तक मनाया जाता है. इसके साथ ही पिछले साल से हर माह के पहले रविवार को भी 24 कोसीय परिक्रमा शुरू की गई है. संभल 24 कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष राज शर्मा ने बताया कि जिले के तीर्थों के सार-संभाल और उन्हें पुनर्जीवित करने के मकसद से यह परंपरा शुरू की गई है.

दर्शनीय और पर्यटन नगरी बनने की दिशा में संभलःसंभल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डॉ. मणि भूषण तिवारी ने बताया कि DM ने यहां जितने भी देवतीर्थ, कूप और तीर्थ स्थल है, सबका भ्रमण किया है. नगर क्षेत्र में 19 कूप प्राचीन कूप है, उनका सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है. इन जगहों पर गेट निर्माण, बोर्ड लगाना सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही भद्रिका आश्रम, पाप मोचन तीर्थ, मृत्युंजय तीर्थ तथा शंख माधव तीर्थ के लिए वंदन योजना के तहत प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं, जिन्हें शासन को भेजा जाएगा. मॉडल कूप के रूप में चतुर्मुख कूप का विकास किया जाएगा. यह आदर्श कूप होगा, जहां सारी व्यवस्थाएं होंगी. इस प्राचीन महाकूप को वहीं की उन्हीं ईंटों से तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया किभी तीर्थ है वो जिस नाम से परिलक्षित करेंगे, उनकी आकृति गेट पर बनाई जाएगी. साथ ही उनके गेटों पर संबंधित तीर्थ का इतिहास एवं तथ्य प्रदर्शित होंगे. यही नहीं भगवान कल्कि के अवतारों को भी रेखांकित कराएंगे, जिससे कि श्रद्धालु गौरव और इतिहास को तीर्थों ओर कूपों की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें. उन्होंने बताया कि फिलहाल 10 कूपों के प्रस्ताव तैयार है और 3 तीर्थों के प्रस्ताव भी वंदन योजना के तहत शासन को भेजे जाएंगे. भद्रिका आश्रम , मृत्युंजय महातीर्थ का प्रस्ताव भी बना रहे है. शंख माधव तीर्थ पर गेट और बाउंड्री बनाने व पाप मोचन तीर्थ का प्रस्ताव भी वंदन योजना के तहत बना रहे हैं. इसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा. इन सभी ऐतिहासिक स्थलों की सौंदर्य करण पर लगभग 5 करोड़ से अधिक की लागत आ सकती है.

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Last Updated : Feb 4, 2025, 2:05 PM IST

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