लखनऊ: गंभीर मरीजों का दबाव केजीएमयू में बढ़ रहा है. हादसे या फिर बीमारी से पीड़ित गंभीर मरीजों को आईसीयू-वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ रही है. बेड की संख्या सीमित है. ऐसे में मरीजों को एम्बुबैग के सहारे सांसे दी जाती है. बहुत से मरीज दूसरे अस्पताल की ओर रुख करने को मजबूर हैं. इस समस्या पर काबू पाने के लिए जिला स्तर पर वर्चुअल आईसीयू शुरू किया जा सकता है. यह सुझाव केजीएमयू एनस्थीसिया विभाग के डॉ. तन्मय तिवारी ने दिया है.
वह शनिवार को शताब्दी भवन प्रेक्षागृह में एनस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर विभाग के 64वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. डॉ. तन्मय तिवारी ने कहा कि जिला अस्पतालों में आईसीयू-वेटिलेटर बेड शुरू किए जाएं. इन यूनिट को केजीएमयू जैसे बड़े मेडिकल संस्थान वर्चुअल सपोर्ट करेंगे. डॉक्टरों को जांच व इलाज के लिए गाइड करेंगे. इससे गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा. मरीजों की दौड़-भाग कम होगा. पैसे भी बचेंगे. बड़े मेडिकल संस्थानों में मरीजों का दबाव भी कम होगा. इससे दूसरे गंभीर मरीजों को और बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद बढ़ेगी.
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि केजीएमयू के एनस्थीसिया विभाग उत्तर भारत के सबसे पुराने और बड़े विभागों में एक है. विभाग में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक एमडी सीटे हैं. प्रतिदिन 120 से 150 नियमित सर्जरी संभालता है. विभाग में जल्द ही डीएम कोर्स का संचालन किया जाएगा. ताकि अधिक से अधिक विशेषज्ञ तैयार किए जा सकें.
प्रति कुलपति डॉ. अपजीत कौर ने कहा कि विभाग में नई दवा व तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. मरीजों को अधिक सुरक्षित बेहोशी दी जा रही है. विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका कोहली ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की. गुड़गांव में निजी मेडिकल संस्थान में एनस्थीसिया एंव क्रिटिकल केयर यूनिट की निदेशक डॉ. संगीता खन्ना ने रोबोटिक सर्जरी में एनस्थीसिया के महत्व पर बात की. जिसमें तकनीकी बारीकियों और रोबोटिक प्रक्रियाओं की जानकारी साझा की. वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. दिनेश कौशल, डॉ. मोहम्मद परवेज खान, डॉ. रजनी गुप्ता, डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. अजय चौधरी, डॉ. अपर्णा, डॉ. वंदना, डॉ. नेहा, डॉ. मनोज, डॉ. मनीष, डॉ. शशांक, डॉ. शेफाली, डॉ. विपिन, डॉ. विनोद और डॉ. प्रेम राज सिंह सहित प्रमुख संकाय मौजूद रहे.
वहीं, विभाग में मरीजों की बेहतर देखभाल व काम करने वालों को सम्मानित किया गया. जिसमें सर्वश्रेष्ठ सीनियर रेजिडेंट डॉ. ऋषभ, जूनियर रेजिडेंट डॉ. अखिल, टेक्नीशियन यादवेंद्र, कार्यालय कर्मचारी सुनील और राजेश को सम्मानित किया गया.
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