Diwali 2024 Puja Muhurat :आज पूरे देश में दिवाली का त्यौहार है. आज के दिन घरों में खास सजावट की गई है. साथ ही शाम के वक्त दीये लगाए जाएंगे. आज के दिन मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की पूजा का खासा महत्व रहता है.
आज मां लक्ष्मी का आगमन होता है :हमारे पुराण कहते हैं कि कार्तिक अमावस्या की रात में महालक्ष्मी खुद भूलोक पर आती हैं और लोगों के घरों में जाती है. इस दौरान जो भी घर अच्छे से स्वच्छ और प्रकाश से भरपूर मिलता है, वो वहां पर ठहर जाती हैं. इसी वजह से साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखते हुए पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी है कि लक्ष्मी और गणेश पूजन के लिए सही मुहूर्त कौन सा है.
दिवाली पर शुभ मुहूर्त :दिवाली की अमावस्या तिथि आज दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा. ऐसे में लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल आज शाम 5.36 बजे से रात 8.11 बजे तक रहेगा. वहीं वृषभ लग्न शाम 6.25 बजे से रात 8.15 बजे तक रहेगा. वहीं महानिशीथ काल का पूजन मुहूर्त आज रात 11.39 बजे से देर रात 12.30 मिनट तक रहेगा. तो ऐसे में इन खास मुहूर्त में आप मां लक्ष्मी की पूजा कर अपने घर के लिए विशेष कृपा हासिल कर सकते हैं.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की सामग्री :दिवाली पर पूजा के लिए आप लक्ष्मी-गणेश, मां सरस्वती, भगवान कुबेर की मूर्ति, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलश, फूलों की माला, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, धूप, कलावा, नारियल, गंगाजल, मेवे, बताशे, शंख, चांदी का सिक्का, 11 दीपक को पहले से पूजा स्थल पर रख लें.
दिवाली पर पूजन विधि जानिए :दिवाली पर शाम के वक्त लक्ष्मी पूजन के दौरान शुद्धिकरण का खास महत्व है. ऐसे में सबसे पहले अपने ऊपर जल छिड़कें और हर-हर गंगे बोलते हुए शुद्धिकरण कर लें. इसके बाद सभी सामग्री पर भी जल छिड़क लें. फिर अपनी हथेली में तीन बार जल को लेकर उसे पी लें और चौथी बार में अपने हाथ को धो लें. इसके बाद चौकी पर स्वास्तिक का शुभ चिह्न बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं और फिर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी , भगवान कुबेर और मां सरस्वती की नई मूर्तियों की स्थापना करते हुए दीप जलाएं और फिर संकल्प लें. इसके बाद भगवान श्रीगणेश का ध्यान करें. फिर मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर का ध्यान करें. फिर मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रख लीजिए. अब भगवान के सामने फल, फूल, मिठाई, चंदन, घी, दूर्वा, मेवे, बताशे रखकर पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेश जी की आराधना करें. फिर भगवान विष्णु, मां काली और भगवान कुबेर, मां सरस्वती की भी पूजा करें. याद रखिए कि आपको पूजा के दौरान 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए.