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नाबालिग लड़की अपहरण केस में दोषी को 4 साल कारावास की सजा, ₹20 हजार जुर्माना भी भरना होगा - Minor Girl Kidnap Case

सितारगंज में 10 साल की लड़की का किया अपहरण, पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा, जेल में कटेंगे जिंदगी के 4 साल

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

District and Sessions Court
जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर (फोटो- ETV Bharat)

रुद्रपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने वाले आरोपी को दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने दोषी को 4 साल की कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक की ओर से कोर्ट के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए. दोषी ने अपनी बुआ के घर से लौट रही नाबालिग का रास्ते में बदनीयत से अपहरण कर लिया था, लेकिन शोर होने पर भाग गया था.

10 नवंबर 2022 की है घटना:विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि बीती 10 नवंबर 2022 को सितारगंज थाने में एक महिला ने तहरीर दी थी. जिसमें महिला ने बताया था कि उसकी 10 साल की बेटी बुआ के घर से शाम के समय अपने घर लौट रही थी. तभी रास्ते में खड़े सितारगंज के पडरी निवासी हरचरन सिंह उर्फ चन्नी ने बदनीयत से उसका अपहरण कर लिया और उसका मुंह दबाकर नजदीकी स्कूल में ले गया.

जब बेटी घर नहीं पहुंची तो परिजन उसकी तलाश में जुट गए. जैसे ही परिजन स्कूल के पास पहुंचे तो आरोपी हरचरन स्कूल से भागता हुआ दिखाई दिया. जब परिजनों ने स्कूल में जाकर देखा तो उनकी बेटी एक कोने में रो रही थी. पूछने पर उसने आपबीती बताई, जिसे सुन परिजनों के पैरों तले जमीन मानो जमीन खिसक गई. इसके बाद पीड़िता की मां सीधे सितारगंज थाने पहुंची और तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की.

वहीं, पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर अगले दिन आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से मामला पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की कोर्ट में चला रहा था. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए. आज न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने आरोपी को धारा 363 आईपीसी के तहत 3 साल की कठोर कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

इन धाराओं में भी सुनाई गई सजा: इसके अलावा धारा 366 आईपीसी के तहत 4 साल की कठोर कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने, धारा 16/17 पॉक्सो एक्ट के तहत 3 साल की कठोर कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. साथ ही कहा कि जुर्माने की धनराशि में से 15 हजार रुपए पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिए जाएं.

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