राजस्थान में लोकसभा चुनाव में ईआरसीपी और यमुना जल समझौता भी हाेगा मुद्दा. जयपुर. राजस्थान भाजपा कोर कमेटी की बैठक गुरुवार को हुई. बैठक में प्रदेश के आला नेताओं ने मिशन-25 को लेकर व्यापक मंथन किया. मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया. वहीं, ईआरसीपी और यमुना जल समझौते को भी चुनावी मुद्दे के रूप में जनता के बीच ले जाने की रणनीति बनाई है. करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक चली कोर कमेटी बैठक में सत्ता और संगठन के प्रमुख व्यक्तियों ने विभिन्न मुद्दाें को लेकर चर्चा की गई.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कोर कमेटी में आगामी कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई. गांव चलो अभियान, नारी शक्ति अभियान, लाभार्थी सम्पर्क अभियान सहित अन्य अभियानों में पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका पर चर्चा हुई. लोकसभा चुनाव को लेकर क्लस्टर मीटींग शुरू हो चुकी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बीकानेर दौरे पर आए थे. शाह तीन लोकसभा सीटों के बूथ प्रबंधन समिति के साथ बैठे. उदयपुर में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का बड़ा सम्मेलन किया, साथ ही जयपुर में तीन सीटों के प्रबुद्धजन से चर्चा की. जोशी ने कहा कि आने वाले दिनों में इसी तरह के कार्यक्रम होंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान और केंद्र में भाजपा की सरकार है. डबल इंजन की सरकार हर दिन आम जनता की हित में निर्णय ले रही है. हाल ही में ईआरसीपी और यमुना समझोता आम जनता के लिए वरदान साबित होने वाले निर्णय हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी आम जनता के बीच में इन योजनाओं के लाभ के बारे में बताएगी.
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कांग्रेस ने आमजन के कंठों को प्यासा रखा : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले दो दशक से ज्यादा समय से जिन विषयों पर सहमति नहीं बन पाई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उन विषयों पर सहमति बन गई. उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर कांग्रेस सरकार ने लोगों के प्यासे कंठों पर राजनीति करते हुए इस परियोजना को अटकाने और भटकाने का काम किया. पीएम के मार्गदर्शन में उनके दिए हुए सुझावों के तहत नदी जोड़ने की परियोजना को लेकर दो राज्यों में सहमति बनाने में सफलता मिली. यह समझौता दो राज्यों के बीच में पानी के बंटवारे या दो राज्यों के बीच नदी जोड़ने का समझौता मात्र नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के पूर्ववर्ती 13 जिले, अब 21 हो गए हैं. मध्य प्रदेश के 13 जिलों के डेढ़ करोड़ से ज्यादा, राजस्थान से 3 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाएगा.
शेखावत ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही राजस्थान में 30 जिलों की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह शेखावाटी के तीनों जिलों में पेयजल संकट बना हुआ है. हरियाणा पानी की मंजूरी नहीं देने पर अड़ा हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्रालय के सुझावों के आधार पर यह स्वीकृति दी है. शेखावत ने कहा कि दोनों योजनाओं की फाइनल डीपीआर पर तेज गति से काम शुरू हो गया है. दोनों योजनाओं को सीमित समय दिया गया है कि डीपीआर बने और कैबिनेट में अप्रूवल करवाकर काम शुरू किया जाए.