देहरादून: उत्तराखंड में जून महीने के अंत में मानसून दस्तक दे चुका है. जिसके बाद से ही प्रदेश में मानसून का असर दिखने लगा है. मौजूदा स्थिति यह है कि पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश भर में स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं. प्रदेश की तमाम सड़के बंद हैं, नाली नदी नाले उफान पर हैं. कई जगहों पर भूस्खलन का सिलसिला भी जारी है. इसके बाद भी अभी तक मानसून सीजन के दौरान राहत बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर की तैनाती नहीं हो पाई है. मानसून सीजन के दृष्टिगत हर साल हेलीकॉप्टर तैनात किये जाते हैं. इस सीजन में सरकार, तीन हेलीकॉप्टर तैनात करने जा रही है, लेकिन अभी तक एक भी हेलीकाप्टर तैनात नहीं हो पाया है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह, कब तक हो जाएंगे हेलीकॉप्टर तैनात?
उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं. मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में आपदा की स्थिति काफी भयावह हो जाती है. आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ती है. इसके चलते उत्तराखंड सरकार हर साल मानसून सीजन में दो हेलीकॉप्टर तैनात करती है. जिसमें एक हेलीकॉप्टर गढ़वाल और एक हेलीकॉप्टर कुमाऊं में तैनात किया जाता है. जिससे आपदा के दौरान तत्काल राहत बचाव के कार्य किया जाता है. इस मानसून सीजन में उत्तराखंड सरकार ने दो नहीं बल्कि तीन हेलीकॉप्टर तैनात करने की बात कही, मगर अभी तक एक भी हेलीकाप्टर तैनात नहीं हो पाया है.
कहां तैनात होने हैं हेलीकॉप्टर:गढ़वाल मंडल के देहरादून और कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में आपदा को देखते हुए हेलीकॉप्टर तैनात किये जाएंगे. ये तत्काल राहत-बचाव कार्यों में मदद करेंगे. इसके साथ ही एक हेलिकॉप्टर ऋषिकेश एम्स में एयर एंबुलेंस के तौर पर तैनात किया जाएगा.