कानपुर:अभी तक शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्तपाल- एलएलआर अस्पताल में जब कोई मरीज अपना इलाज कराने पहुंचता है, तो उसे अपनी जांचों के लिए अस्पताल के अंदर ही पांच अलग-अलग स्थानों पर भटकना पड़ता था. हालांकि, अब मेडिकल कालेज में पहली बार 10.32 करोड़ रुपये की लागत से ऐसी डायग्नोस्टिक लैब बनेगी, जिसमें एक ही स्थान पर मरीज के इलाज से संबंधित सारी जांचें हो सकेंगी.
एमओयू के दौरान मौजूद जीएसवीएम मेडिकल कालेज व पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के आला अफसर. (फोटो क्रेडिट: मीडिया सेल, प्रिंसिपल ऑफिस मेडिकल कालेज) इस लैब के लिए पावरग्रिड कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड की ओर से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को सीएसआर फंड के तहत 10.32 करोड़ रुपये की मदद का तोहफा दे दिया गया. शुक्रवार को दोनों ही संस्थानों के जिम्मेदारों की मौजूदगी में एमओयू की प्रक्रिया भी पूरी की गई. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा.संजय काला का कहना था कि डायग्नोस्टिक लैब बन जाने से कानपुर के अलावा आसपास की अन्य आबादी को मिलाकर कुल तीन करोड़ लोगों को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा.
2022 में पावरग्रिड से मिले थे 3.5 करोड़, 100 बेड का पीआईसीयू बना था:जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि साल 2022 में भी पावरग्रिड कार्पोरेशन से मेडिकल कालेज को मदद के रूप में 3.5 करोड़ रुपये मिले थे. इससे मेडिकल कॉलेज ने 100 बेड का पीआईसीयू तैयार कराया गया था.
10 जिलों के अति गंभीर बच्चों का इसमें इलाज किया गया. साथ ही अभी तक जहां 3500 बच्चों का इलाज किया जा चुका है, वहीं 2000 बच्चों की जान बचाई जा चुकी है. डॉ. काला ने कहा कि अब डायग्नोस्टिक लैब में जब मरीज की जांचें एक जगह हो जाएंगी, तो उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. उनका इलाज भी जल्द हो जाएगा.
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