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धार भोजशाला में बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं का रेला, सुरक्षा के कड़े इंतजाम - DEVOTEES PRAYERS AT BHOJSHALA

11वीं सदी की धार भोजशाला को हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर कहता है, वहीं मुस्लिम समुदाय कमाल मौला मस्जिद मानता है.

DEVOTEES PRAYERS AT BHOJSHALA
बसंत पंचमी पर धार भोजशाला में 4 दिवसीय उत्सव (ETV Bharat)

By PTI

Published : Feb 3, 2025, 3:43 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 5:10 PM IST

धार (PTI) : बसंत पंचमी के अवसर पर धार की प्राचीन भोजशाला में सोमवार को श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. माता सरस्वती की पूजा और दर्शन करने भारी संख्या में लोग पहुंचे. भोजशाला परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर इंतजाम किए गए हैं. भोजशाला परिसर में कुछ हिंदू संगठन चार दिवसीय बसंत उत्सव मना रहे हैं. यह एक मध्यकालीन स्मारक है, जिस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष अपना दावा करते हैं. 11वीं सदी की इस स्मारक को एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है.

बीते वर्ष हुआ था सर्वे

इस स्मारक को हिंदू पक्ष कहते हैं कि देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, वहीं, मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर बीते वर्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था.

भोजशाला मामले में याचिकाकर्ता आशीष गोयल की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

सरस्वती जन्मोत्सव का 991वां उत्सव

भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्माने कहा, "भोजशाला में सुबह से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई है, यहां हवन कुंड में आहूति दी जा रही है. उदयाजीराव चौक से शोभायात्रा निकाली जाएगी. जिसके बाद मां वाग्देवी (सरस्वती) की महाआरती की जाएगी. राजा भोज ने वर्ष 1034 में इसी दिन मंदिर के गर्भगृह में मां वाग्देवी की मूर्ति स्थापित कर सरस्वती जन्मोत्सव मनाने की शुरुआत की थी. पूरा हिंदू समाज इसी परंपरा को बड़े उत्साह से मनाता आ रहा है. यह उत्सव का 991 वां वर्ष है"

गोपाल शर्मा सर्वेक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, "पिछले साल की शुरुआत में एएसआई ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के निर्देश पर विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था."

एएसआई ने सौंपा था 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट

पिछले साल 11 मार्च को 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' की अर्जी पर हाईकोर्ट ने एएसआई को परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. यह सर्वेक्षण करीब 3 महीने तक चला था. इसके बाद जुलाई में एएसआई ने 2 हजार से ज्यादा पन्नों की अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी.

सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

विवाद बढ़ता देख एएसआई ने 7 अप्रैल 2003 को एक आदेश जारी किया. जिसके अनुसार मंगलवार को भोजशाला में हिंदू को पूजा करने की अनुमति है, वहीं, मुस्लिम भी शुक्रवार को नमाज अदा कर सकते हैं. हालांकि, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने एक याचिका दायर कर व्यवस्था को चुनौती दी थी. जिसके बाद पिछले साल हिंदू याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसमें 1 अप्रैल को दिए गए स्थगन को हटाने का अनुरोध किया गया था. भोजशाला मामले पर एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कोई भी कार्रवाई करने पर भी रोक लगाई गई थी.

याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को करेगा. मैंने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि एएसआई की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए. हम अगली सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय से रोक हटाने का आग्रह करेंगे."

Last Updated : Feb 3, 2025, 5:10 PM IST

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