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कर्ज में धमतरी नगर निगम, विपक्षी पार्षद बोले 'निगम की छवि खराब' - DHAMTARI MUNICIPAL CORPORATION

विपक्षी पार्षदों ने इस मुद्दे पर अब घेरना शुरू कर दिया है. चुनाव भी करीब हैं.

Dhamtari Municipal Corporation
धमतरी नगर निगम (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 21, 2024, 1:32 PM IST

Updated : Dec 21, 2024, 3:24 PM IST

धमतरी:धमतरी नगर निगम छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना निकाय है. यह करीब 14 दशक पुराना है. लेकिन आज तक धमतरी नगर निगम अपनी कमजोर माली हालत से उबर नहीं पाया है. आने वाले दिनों में नगरीय निकाय के चुनाव होने हैं पर ताजा हालात भी चिंताजनक हैं.

पेट्रोल डीजल का भुगतान नहीं: धमतरी नगर निगम में 40 वार्ड हैं. लगभग 2 लाख की जनसंख्या है. नगर निगम पानी,बिजली,साफ सफाई और तमाम तरह की व्यवस्थाओं का काम करता है. नगर निगम के पास चार जेसीबी सहित 50 की संख्या में वाहन भी हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि धमतरी नगर निगम 20 लाख से ज्यादा पेट्रोल डीजल के ही कर्ज में डूबा हुआ है.

पेट्रोल डीजल का भुगतान नहीं (ETV Bharat Chhattisgarh)

विपक्ष ने खोला मोर्चा:पेट्रोल पंप संचालक को कई महीनों से भुगतान नहीं हो पाया है. अब विपक्षी पार्षद इस मुद्दे को लेकर लगातार सत्ता पक्ष पर हमला बोल रहे हैं. धमतरी निगम के नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र वोहरा ने कहा कि इतना ज्यादा कर्ज और उधारी के कारण निगम की छवि लगातार खराब होती जा रही है.

पेट्रोल डीजल का भुगतान नहीं (ETV Bharat Chhattisgarh)

सिर्फ डीजल पेट्रोल नहीं बल्कि अलग अलग विकास कार्य के ठेकेदारों को भी लंबा चौड़ा भुगतान करना बाकी ही है-नरेंद्र रोहरा, नेता प्रतिपक्ष, धमतरी नगर निगम

कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार का आरोप: नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र वोहरा का कहना है कि निगम की माली हालत खराब है. यहां के जवाबदारों ने चार साल से बुरी स्थिति कर दी है. यही वजह है कि आज ऐसी स्थिति बनी है. नई आयुक्त अब इसका अध्ययन कर रही हैं. निगम की स्थिति क्यों ऐसे हो गई है. यहां बैठे लोग कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार कर छवि धूमिल कर रहे हैं. यहां ठेकेदारों को भी भुगतान नहीं हुआ है.

''जेसीबी के लिए ड्राइवर नहीं'': नरेंद्र वोहरा का ये भी आरोप है कि कई काम ऐसे हुए हैं, जिनकी जांच कराने की जरूरत है. सत्ता पक्ष से सवाल पूछने की जरूरत है. आज सारी गाड़ियां कबाड़ में खड़ी हैं. जेसीबी के लिए ड्राइवर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास का काम बंद है. गोकुल धाम का काम नहीं हुआ. ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बना है. बजट में 56 काम हैं, लेकिन एक भी काम नहीं हुआ.

''5 सालों में दिवालिया'':पार्षद विजय मोटवानी का कहना है कि धमतरी नगर निगम पिछले 5 सालों में दिवालिया हो गई है. इन पांच सालों में 5 पेट्रोल पंब बदले हैं. सभी के पैसे रोके हैं. व्यापारी परेशान हैं. जनता ने जनहित के काम करने के लिए जनादेश दिया है लेकिन पैसे का खेल रहा है. 500 का पेट्रोल डलता है लेकिन तीन हजार का बिल बनता है.

कैसे राजस्व बढ़े, शहर का हित हो उस पर ध्यान देना चाहिए लेकिन सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है. महापौर निधि का दुरुपयोग हो रहा है. धमतरी का नगर निगम भ्रष्टाचार का शिकार है-विजय मोटवानी, पार्षद

निगम जल विभाग के सभापति का पलटवार: निगम जल विभाग के सभापति आवेश हाशमी ने पार्षद विजय देवांगन के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि नगर निगम एक परिवार है. जहां पक्ष विपक्ष सभी का ध्यान रखा जाता है. कांग्रेस हो या भाजपा सभी के वार्डो में विकास कार्य किया जाता है. मेयर विजय देवांगन ने किसी से कोई भेदभाव नहीं किया. सभी वार्डो में विकास कराया. दूसरी ओर भाजपा ने जो भी काम कराया अपने पार्षदों के एरिया में कराया.

निगम की छवि खराब (ETV Bharat Chhattisgarh)

उनका तो काम है आरोप लगाने का पर उनको तथ्यों के आधार पर बात करना चाहिए. आज एक साल के काम को लेकर ढिंढोरा पीट रहे हैं. भूपेश बघेल के वक्त पांच करोड़ रुपए आए थे विकास के लिए उसे वापस बुला लिया. कहा कि 12 करोड़ के विकास के काम होंगे. आज तक 12 करोड़ नहीं आया. हमारे महापौर ने सारे पक्ष और विपक्ष के पार्षदों का साथ लेकर विकास की योजना और खर्च पर बात की. इन लोगों ने जो 5 करोड़ रुपए थे 40 वार्डों के विकास के लिए उसे अपने लोगों के वार्डों में ही खर्च किया. - अवैश हाशमी, नगर निगम, जल विभाग, अध्यक्ष

टैक्स वसूली में फिसड्डी: दरअसल धमतरी नगर निगम की आय अलग अलग टैक्स और शहर में बने कई तरह के परिसर का किराया ही हैं. इसके अलावा सरकार से मिलने वाली राशियां भी हैं. लेकिन टैक्स वसूली में धमतरी नगर निगम शुरू से ही बेहद कमजोर रहा है. बाकी राशियों के व्यवस्थापन और उपयोग में प्रबंधन को लेकर हमेशा निगम असफल ही रहा है.

आयुक्त ने दिया फंडिंग की कमी का हवाला: धमतरी नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर ने बताया कि फंडिंग की कमी होने के कारण इतनी ज्यादा कर्ज की स्थिति बनी है. धमतरी निगम अपने आय के स्रोतों का अध्ययन कर रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इस भारी कर्ज के बोझ से मुक्ति पाई जा सके.

लगभग 20 लाख रुपए बकाया है. निकाय निधि में अधिक आय हो इसके लिए कॉम्प्लेक्स, पार्किंग के टेंडर निकाले गए हैं. इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. दुकानों को किराए से देने के लिए भी कोशिश जारी है-प्रिया गोयल, आयुक्त, धमतरी नगर निगम

खराब प्रबंधन बना मुसीबत का सबब:जरूरी कामों के लिए धमतरी नगर निगम अक्सर सरकार का मुंह ताकता बैठा रहता है. इस खराब प्रबंधन का भुगतान आखिर में धमतरी की जनता को ही करना पड़ता है, क्योंकि उसी के टैक्स से सारे भुगतान किए जाते हैं.

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Last Updated : Dec 21, 2024, 3:24 PM IST

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