देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव से पहले मलिन बस्तियों के नियमितीकरण का मुद्दा एक बार से सुर्खियों में है. कांग्रेस जहां मलिन बस्तियों को नियमित करने की मांग कर रही है, वहीं बीजेपी मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश लाने जा रही है.
2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार मलिन बस्तियों को उजाड़ने से बचने के लिए अध्यादेश लाई थी, जिसकी समय अवधि तीन साल तय की गई थी. यह समय अवधि अब पूरी हो चुकी है. ऐसे में एक बार फिर मलिन बस्तियों का मामला गरमाने लगा है. चूंकि दिसंबर माह में निकाय चुनाव भी प्रस्तावित हैं. ऐसे में प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस बड़े वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं.
मामले को लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि अध्यादेश की अवधि 21 अक्टूबर को नहीं, बल्कि 23 अक्टूबर को खत्म हो रही है. मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आगामी 23 अक्टूबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार अध्यादेश का प्रस्ताव लेकर आएगी और अध्यादेश को एक बार फिर बढ़ाया जाएगा. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस अध्यादेश की समय अवधि 3 साल के लिए और बढ़ाई जाएगी.