रायपुर: साल 2024 में 17 जुलाई बुधवार के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. हिंदू धर्म की मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं और इच्छाएं पूर्ण होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. पुराणों के अनुसार इस दिन से 4 महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. जिसके बाद से सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. कहते हैं कि इस दिन से सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 बुधवार के दिन मनाई जाएगी.
जल्दी पूरा कर लें सारे मांगलिक काम, अगले चार महीने नहीं होगा कोई शुभ काम - Devshayani Ekadashi 2024
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 15, 2024, 8:15 PM IST
|Updated : Jul 15, 2024, 8:24 PM IST
मान्यता है कि सूर्य के मिथुन राशि में आने पर देवशयनी एकादशी आती है. देवशयनी एकादशी के दिन से ही चातुर्मास का शुरुआत भी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं. शयन के चार महीने बाद तुला राशि में सूर्य के जाने पर उन्हें उठाया जाता है. मान्यता अनुसार उस दिन को देवोत्थानी एकादशी कहते हैं.
17 जुलाई के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी: महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. देवशयनी का तात्पर्य है कि आज के दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. आज के दिन से ही चातुर्मास प्रारंभ होता है 4 महीने का समय भगवान शंकर और उनके परिवार के लिए समर्पित रहता है. आज के दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत 4 महीने के बाद देवउठनी एकादशी से शुरू होगी. इस बार की एकादशी 17 जुलाई दिन बुधवार के दिन होगी."
देवशयनी एकादशी बन रहा है शुभ योग: देवशयनी एकादशी की तिथि 16 जुलाई 2024 को रात्रि 8:33 पर शुरू होगी जो 17 जुलाई को रात 9:02 पर समाप्त होगी. देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 18 जुलाई 2024 को किया जाएगा. 18 जुलाई को व्रत पारण का समय सुबह 5:34 से सुबह 8:19 तक रहेगा. देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान से निवृत होकर घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करना चाहिए. भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए. भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करना चाहिए.
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें: अगर संभव हो तो इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए. भगवान की आरती करें. भगवान को भोग लगाएं. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की भी पूजा करें. पूजा के दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें. ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जातक को पापों से मुक्ति मिलती है. जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से जातक सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है.