वाराणसी :दीपावली और डाला छठ के बाद त्योहारों का परायण हो जाता है, लेकिन वाराणसी में देव दीपावली 15 नवंबर को धूमधाम से मनाई जाती है. परंपरा के अनुसार जिला प्रशासन और विभिन्न समितियां देव दीपावली के आयोजन को लेकर हर साल कुछ नया करती हैं. इसी क्रम में इस साल वाराणसी जिला प्रशासन और समितियां ने मिलकर 20 लाख दीये जलाने की तैयारी की है. दीपदान के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहेंगी. बहरहाल अगर आप देव दीपावली पर वाराणसी आने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों की जानकारी बेहद जरूरी है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट..
वाराणसी की देव दीपावली का त्योहार इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूरे साल बनारस की इकोनॉमी को बूस्ट करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. होटल, लॉज, गेस्ट हाउस, रिक्शे, टैक्सी यूं कहिए कि पूरा पर्यटन कारोबार एक साल तक देव दीपावली की वजह से अपने चरम पर रहता है. इस बार भी तैयारी पूरी है. नाव से लेकर होटल तक सब बुक हैं.
कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स:वाराणसी आने के लिए हर हिस्से से आपको ट्रेन फ्लाइट और बस की व्यवस्था मिल जाएगी. हर बड़े मेट्रो सिटी से बनारस की कनेक्टिविटी भी बहुत जबरदस्त है. स्टेशन बस अड्डा और एयरपोर्ट से आपके शहर तक आने के लिए तमाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होंगे. वाराणसी में 3000 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस आदि संचालित हैं. देव दीपावली पर एडवांस बुकिंग की वजह से आपको शहर से लगभग 8 से 9 किलोमीटर दूर हाईवे या एंट्री सिटी एरिया में ठिकाना मिल जाएगा. बनारस में आप यूपी टूरिज्म की वेबसाइट के जरिए होमस्टे और छोटे गेस्ट हाउस की भी जानकारी ले सकते हैं.
देव दीपावली के दिन क्या करें:कार्तिक पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह गंगा स्नान करें, फिर काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में दर्शन करें. कुछ देर विश्राम करने के बाद तीन से चार बजे के बीच घाटों पर पहुंच जाएं, क्योंकि भीड़ बढ़ने के बाद फिर आपको दिक्कत होगी. देव दीपावली पर आप सबसे पहले बनारस के 84 घाटों की लंबी शृंखला पर दीपदान का आनंद ले सकते हैं. अगर आप पैदल घूमना चाहते हैं तो अस्सी घाट से नमो घाट तक आप पैदल घूमते हुए भव्य समारोह का मजा ले सकते हैं. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती और चेत सिंह घाट पर होने वाले लेजर शो के साथ ही 15 नवंबर को ही विश्वनाथ धाम के सामने होने वाले जबरदस्त क्रैकर शो को देखना ना भूलें.
अगर नाव बुक की है तो यह करें : वाराणसी में रजिस्टर्ड लगभग 900 का संचालन हो रहा है, जो नगर निगम में रजिस्टर्ड है. इनमें से अधिकांश बड़ी और छोटी नाव देव दीपावली पर बुक हो चुकी हैं. 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये में छोटी से मीडियम और 20 हजार से लेकर लगभग दो लाख रुपये तक बड़ी नावों की बुकिंग हुई है. बनारस में चलने वाले चार लग्जरी क्रूज और तीन देसी क्रूज भी पूरी तरह से बुक हैं, लेकिन अगर आप नाव से घूमना चाहते हैं तो आपको 200 रुपये से 500 प्रति सवारी तक शेयरिंग नाव मिल जाएगी.
अगले दिन में करें यह काम, यहां घूमें : देव दीपावली में आने के बाद रात 10 बजे तक घूमने फिरने के दूसरे दिन सुबह सुबह बनारस का दीदार करने अस्सी घाट जाइए. यहां पैदल घूमते हुए घाटों का आनंद लीजिए और फिर निकल जाइए बनारस का सुबह कचौड़ी जलेबी का नाश्ता करने. गलियों में थोड़ा घूमिए, कुछ मंदिरों में दर्शन पूजन कीजिए और फिर ऑटो टैक्सी या रिक्शा लेकर निकल जाइए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय यहां नए विश्वनाथ मंदिर में पूजन फिर संकट मोचन मंदिर और मानस मंदिर में दर्शन के बाद यदि मन हो तो चले जाइए सारनाथ.