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बनारस की देव दीपावली, पर्यटकों के लिए कंप्लीट गाइड; एक क्लिक में जानिए- ठहरने-घूमने, नौका बुकिंग से लेकर हर जानकारी

VARANASI DEV DEEPAWALI: काशी में देव दीपावली का पर्व 15 नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस बार 20 लाख दीये जलाए जाने की तैयारी है. लाखों टूरिस्ट पहुंच रहे बनारस, अगर आप भी प्लान कर रहे तो ये खबर आप के काम की है... पढ़िए.

Dev Deepawali in Varanasi
Dev Deepawali in Varanasi. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 13, 2024, 1:23 PM IST

Updated : 10 hours ago

वाराणसी :दीपावली और डाला छठ के बाद त्योहारों का परायण हो जाता है, लेकिन वाराणसी में देव दीपावली 15 नवंबर को धूमधाम से मनाई जाती है. परंपरा के अनुसार जिला प्रशासन और विभिन्न समितियां देव दीपावली के आयोजन को लेकर हर साल कुछ नया करती हैं. इसी क्रम में इस साल वाराणसी जिला प्रशासन और समितियां ने मिलकर 20 लाख दीये जलाने की तैयारी की है. दीपदान के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहेंगी. बहरहाल अगर आप देव दीपावली पर वाराणसी आने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों की जानकारी बेहद जरूरी है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट..

वाराणसी की देव दीपावली का त्योहार इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूरे साल बनारस की इकोनॉमी को बूस्ट करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. होटल, लॉज, गेस्ट हाउस, रिक्शे, टैक्सी यूं कहिए कि पूरा पर्यटन कारोबार एक साल तक देव दीपावली की वजह से अपने चरम पर रहता है. इस बार भी तैयारी पूरी है. नाव से लेकर होटल तक सब बुक हैं.

देव दीपावली के आयोजन को लेकर ईटीवी भारत की खास खबर. (Video Credit : ETV Bharat)

कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स:वाराणसी आने के लिए हर हिस्से से आपको ट्रेन फ्लाइट और बस की व्यवस्था मिल जाएगी. हर बड़े मेट्रो सिटी से बनारस की कनेक्टिविटी भी बहुत जबरदस्त है. स्टेशन बस अड्डा और एयरपोर्ट से आपके शहर तक आने के लिए तमाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होंगे. वाराणसी में 3000 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस आदि संचालित हैं. देव दीपावली पर एडवांस बुकिंग की वजह से आपको शहर से लगभग 8 से 9 किलोमीटर दूर हाईवे या एंट्री सिटी एरिया में ठिकाना मिल जाएगा. बनारस में आप यूपी टूरिज्म की वेबसाइट के जरिए होमस्टे और छोटे गेस्ट हाउस की भी जानकारी ले सकते हैं.



देव दीपावली के दिन क्या करें:कार्तिक पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह गंगा स्नान करें, फिर काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में दर्शन करें. कुछ देर विश्राम करने के बाद तीन से चार बजे के बीच घाटों पर पहुंच जाएं, क्योंकि भीड़ बढ़ने के बाद फिर आपको दिक्कत होगी. देव दीपावली पर आप सबसे पहले बनारस के 84 घाटों की लंबी शृंखला पर दीपदान का आनंद ले सकते हैं. अगर आप पैदल घूमना चाहते हैं तो अस्सी घाट से नमो घाट तक आप पैदल घूमते हुए भव्य समारोह का मजा ले सकते हैं. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती और चेत सिंह घाट पर होने वाले लेजर शो के साथ ही 15 नवंबर को ही विश्वनाथ धाम के सामने होने वाले जबरदस्त क्रैकर शो को देखना ना भूलें.

अगर नाव बुक की है तो यह करें : वाराणसी में रजिस्टर्ड लगभग 900 का संचालन हो रहा है, जो नगर निगम में रजिस्टर्ड है. इनमें से अधिकांश बड़ी और छोटी नाव देव दीपावली पर बुक हो चुकी हैं. 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये में छोटी से मीडियम और 20 हजार से लेकर लगभग दो लाख रुपये तक बड़ी नावों की बुकिंग हुई है. बनारस में चलने वाले चार लग्जरी क्रूज और तीन देसी क्रूज भी पूरी तरह से बुक हैं, लेकिन अगर आप नाव से घूमना चाहते हैं तो आपको 200 रुपये से 500 प्रति सवारी तक शेयरिंग नाव मिल जाएगी.

अगले दिन में करें यह काम, यहां घूमें : देव दीपावली में आने के बाद रात 10 बजे तक घूमने फिरने के दूसरे दिन सुबह सुबह बनारस का दीदार करने अस्सी घाट जाइए. यहां पैदल घूमते हुए घाटों का आनंद लीजिए और फिर निकल जाइए बनारस का सुबह कचौड़ी जलेबी का नाश्ता करने. गलियों में थोड़ा घूमिए, कुछ मंदिरों में दर्शन पूजन कीजिए और फिर ऑटो टैक्सी या रिक्शा लेकर निकल जाइए. काशी हिंदू विश्वविद्यालय यहां नए विश्वनाथ मंदिर में पूजन फिर संकट मोचन मंदिर और मानस मंदिर में दर्शन के बाद यदि मन हो तो चले जाइए सारनाथ.

ये गलतियां न करें : देव दीपावली पर बनारस आएं तो सबसे पहले ठगों से बचकर रहें. आपको स्टेशन बस अड्डे या एयरपोर्ट पर ही हायर रेट पर टैक्सी देने से लेकर ज्यादा रेट पर होटल दिलवाने का दावा करने वाले लोग मिलेंगे. ऐसे लोगों से बचें और अपने विवेक का इस्तेमाल करें. शॉपिंग करने के लिए जाएं तो महंगी साड़ी लेने के चक्कर में डुप्लीकेट माल ना लें. सिल्क प्रोडक्ट लेने से पहले सर्टिफिकेट जरूर चेक करें.


कार्तिक पूर्णिमा को लेकर कथा : प्रचलित है कि भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देवताओं को त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्त कराया था और उसका वध किया था. जिसकी खुशी में शिव की नगरी काशी में पहुंचकर देवताओं ने देव दीपावली मनाई थी. तभी से यह परंपरा निभाई जा रही हो और ऐसा माना जाता है किस दिन खुद देवतागण काशी में दीपक जलाने पहुंचते हैं. इसके अलावा काशी के पंचगंगा घाट से ही इस दीप उत्सव की शुरुआत मानी जाती है. यहां पर अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा 5000 दिनों के स्तंभ को प्रज्वलित करके देव दीपावली की शुरुआत की जाती थी जो अब हर घाट तक पहुंच चुकी है.

कारगिल युद्ध विजय के उपलक्ष्य में आकाशदीप संकल्पःतीन दशक से भी ज्यादा समय से आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को संकल्पित व समर्पित प्रसिद्ध भव्य देव-दीपावली महोत्सव का आयोजन भव्य रूप के साथ ही इस वर्ष शैर्य की रजत जयन्ती के रूप में भी होगा. 1999 कारगिल युद्ध विजय के उपलक्ष्य में अमर बलिदानी के पुण्य स्मृति में आकाशदीप संकल्प का विस्तारीकरण एवं राष्ट्रीय रूप दिया था. संस्था द्वारा भारत के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में सम्पूर्ण कार्तिक मास आकाश दीप जलाया जाता हैं, इस वर्ष शौर्य की रजत जयन्ती के साथ गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव के साथ ही आकाशदीप का समापन किया जाएगा. इस मौके पर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित भी किया जाएगा है.

मां गंगा की भव्य महाआरती:दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की भव्य महाआरती का आयोजन होगा. जिसमें 21 ब्राह्मणों द्वारा भगवती मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन किया जाएगा. श्री राम जनम योगी द्वारा शंखनाद से निधि के 21 ब्राह्मणों, दुर्गा चरण इंटर काॅलेज की 42 कन्याओं जो रिद्धि-सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी तथा श्री काशी विश्वनाथ डमरू दल के 10 स्वयंसेवकों द्वारा मां भगवती की भव्य महाआरती होगी एवं हजारों दीपों से घाट व घाटों के भवनों का कोना-कोना जगमग हो उठेगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रख्यात गायक मोहन राठौर व उनके 9 सहयोगियों द्वारा किया जाएगा.

परेशानी हो तो करें शिकायत : देव दीपावली के दौरान यदि आप बनारस में घूम रहे हैं तो किसी परेशानी के होने पर पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर मदद के लिए कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा वाराणसी के त्रिनेत्र कंट्रोल रूम नंबर 0542-2720005 या 1533 पर कॉल करके मदद ले सकते हैं.

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