मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी के लोग पीने के पानी के लिए काफी परेशान हैं.जलावर्धन योजना के तहत निगम में 39 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं.लेकिन इतनी भारी राशि खर्च करने के बाद भी लोगों के घरों तक साफ पानी नहीं पहुंचा. आज भी निगम के वार्ड वासी पीने के पानी के लिए तुर्रा पर आश्रित हैं.जबकि शहर की पेयजल समस्या दूर करने के लिए सरभोका में अरूणी बांध, जलावर्धन योजना के तहत हसदेव नदी के पानी को शहर तक पहुंचाया गया है, लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद लोगों को पेयजल समस्या से निजात नहीं मिल सका है.
निगम में लंबे समय से पानी की समस्या :नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने कहा कि चिरमिरी में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. पूर्व विधायक दीपक पटेल के प्रयास से 34 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत शहर में ओवर हेड टैंक, एनीकट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हुआ. लेकिन निर्माण के बाद जो पैसे आएं वो कहां गए नहीं पता.
''घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपए निगम में कांग्रेस की सरकार आने के बाद मिली थी. लेकिन 5 करोड़ रुपए कहां खर्च किए गए यह पता नहीं चला.पाइप लाइन से पानी अभी तक लोगों के घरों में नहीं पहुंचा. आज चिरमिरी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.''- संतोष सिंह, नेता प्रतिपक्ष चिरमिरी निगम
महापौर और पूर्व विधायक ने किया पलटवार :चिरमिरी निगम की महापौर कंचन जायसवाल ने कहा कि जलावर्धन योजना का जो कार्य हुआ था, उसमें डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का काम नहीं था.जब कांग्रेस की सत्ता आई तब हमनें 15वें वित्त से घर-घर पानी पहुंचाने का कार्य किया.वहीं पूर्व विधायक की माने तो जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो जांच करा लें.