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पेपर लीक में आयोग के प्रतिबंध के बावजूद परीक्षा में शामिल हो रहे कई अभ्यर्थी, अंतिम निर्णय के बाद ही आएगा परिणाम - uttarakhand paper leak - UTTARAKHAND PAPER LEAK

UKSSSC Competitive Exams उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण पर अब तक कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी है. राज्य सरकार ने भी कठोर कानून लाकर ऐसे मामलों में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की मंशा जाहिर की है. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि पिछले पेपर लीक जांच प्रकरणों में शामिल पाए गए अभ्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं से प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद भी ये अभ्यर्थी परीक्षाएं दे रहे हैं. हालांकि ऐसा हाईकोर्ट द्वारा इन अभ्यर्थियों को दी गई राहत के कारण हो रहा है. जानिए क्या है पूरा प्रकरण.

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 27, 2024, 2:06 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण के सामने आने के बाद इसमें शामिल कई पेपर लीक माफिया पुलिस और एसटीएफ की गिरफ्त में आए हैं. हालांकि इन मामलों पर अब भी हाईकोर्ट से अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. ऐसे में एक और खबर ने पिछले पेपर लीक प्रकरणों पर सभी का ध्यान खींचा है. दरअसल पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद एक तरफ इससे जुड़े माफियाओं पर नकेल कसी जा रही है, तो दूसरी तरफ ऐसे अभ्यर्थियों को भी निशाने पर लिया गया है, जिनका नाम लीक हुए पेपर का उपयोग करने के रूप में सामने आया था. यानी ऐसे अभ्यर्थी जिन तक पेपर पहुंचा और उन्होंने इसके जरिए परीक्षा को पास करने की कोशिश की.

मामले में इस तरह के अभ्यर्थियों को 5 साल के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं से प्रतिबंधित यानी डिबार किया गया. इसका मकसद यह था कि ऐसे अभ्यर्थी जिनका नाम ऐसे गलत कामों में आया है, उन्हें भी सरकारी सेवाओं में पहुंचने से रोका जाए और दंड के रूप में फिलहाल परीक्षाओं से उन्हें दूर रखा जाए. लेकिन प्रतियोगी परीक्षा कराने वाले आयोगों की ये मंशा पूरी नहीं हो पाई. दरअसल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने करीब 375 छात्रों को पेपर लीक प्रकरण को लेकर डिबार किया हुआ है. लेकिन इनमें से करीब 150 परीक्षार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग कर पा रहे हैं. अभ्यर्थियों द्वारा ऐसा हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद किया जा रहा है.

हाईकोर्ट में डिबार हुए अभ्यर्थियों द्वारा आयोग के इस फैसले के खिलाफ अपील की गई थी, जिसमें ऐसे छात्रों को हाईकोर्ट ने राहत दे दी. राहत मिलने के बाद ऐसे छात्र अब प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस की तरफ से विभिन्न अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह भी बनाया गया है, जबकि पेपर लीक मामले में इन अभ्यर्थियों को मुलजिम नहीं बनाए जाने का भी फायदा इन अभ्यर्थियों को मिला है.

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हाईकोर्ट द्वारा इन छात्रों को फौरन तौर पर राहत दी गई है और आयोग द्वारा अपना मजबूत कानूनी पक्ष रखा जा रहा है. फिलहाल अंतिम निर्णय आने तक छात्रों को यह राहत मिली है. इस दौरान इन छात्रों के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए जाएंगे.
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