देहरादून:उत्तराखंड वन विभाग में ऐसी 85 नॉन टेरिटोरियल रेंज हैं. जिसमें लंबे समय से रेंज अफसर ही मौजूद नहीं हैं. विभाग में रेंजर्स की भारी कमी के कारण इन पदों को भरपाना मुश्किल हो रहा है. खास बात यह है कि राज्य में नॉन टेरिटोरियल रेंज की कुल संख्या 100 है. इस तरह देखा जाए तो अधिकतर रेंज बिना रेंजर के चल रही है. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए लगातार डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर के रूप में तैनाती दिए जाने की मांग भी होती रही है. जल्द राज्य में करीब 85 रेंज में से 51 रेंज में प्रभारी रेंजर तैनात हो सकेंगे.
जल्द डिप्टी रेंजरों को प्रभारी रेंजर के रूप में मिलेगी जिम्मेदारी (Video- ETV Bharat) डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर के रूप में तैनाती को लेकर वन मुख्यालय से लेकर शासन स्तर तक पर इसमें हीलाहवाली के चलते निर्णय नहीं लिया जा सका. बड़ी बात यह है कि इस मामले में दुविधा के हालात शासन के ही एक ऐसे आदेश से हुए हैं, जिसको आधार बनाकर विभाग के ही रेंजर्स ने हाईकोर्ट में सरकार की परेशानियां बढ़ाई हैं. बहरहाल उत्तराखंड वन विभाग के लिए राहत की बात यह है कि अब शासन ने इस संदर्भ में अनुमति देते हुए डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर बनाए जाने का आदेश जारी कर दिया है.
डिप्टी रेंजर प्रभारी रेंजर के रूप में इन्हीं 82 रेंज में तैनात किए जा सकेंगे. फिलहाल सीनियरिटी के आधार पर देखा जाए तो अभी केवल 51 डिप्टी रेंजर ही ऐसे हैं, जो प्रभारी रेंजर के रूप में सीनियरटी के मानक को पूरा करते हैं.उधर दूसरी तरफ 59 डिप्टी रेंजर ऐसे भी है जो की व्यवस्था के तौर पर सीनियरिटी ना होने के बावजूद रेंजर का काम देख रहे हैं. सीनियर डिप्टी रेंजर को चार्ज नहीं मिलने और जूनियर को व्यवस्था के तौर पर रेंज का काम देने से भी विभाग के भीतर नाराजगी के हालात चल रहे हैं.
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विभाग में रेंजर्स की भारी कमी है और ऐसे में डिप्टी रेंजर को प्रभारी रेंजर के रूप में तैनात करने को लेकर जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी. इसके अलावा जिन जूनियर डिप्टी रेंजर को व्यवस्था के तौर पर चार्ज दिया है, उन पर भी विचार किया जाएगा. हालांकि उन्होंने व्यवस्था के तौर पर जूनियर डिप्टी रेंजर को रेंज का काम देने को गलत नहीं माना है.
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