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राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में ब्लड डोनेशन पर चैप्टर शुरू करने की मांग, शिक्षा मंत्री को सौंपा करिकुलम - World Blood Donor Day 2024 - WORLD BLOOD DONOR DAY 2024

World Blood Donor Day 2024, कोटा में रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं ने राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात की. इस दौरान संस्थाओं ने शिक्षा मंत्री से स्कूली पाठ्यक्रम में रक्तदान को लेकर एक चैप्टर शुरू करने की मांग की. साथ ही कहा गया कि अगर ऐसा होता है तो फिर बचपन से ही ब्लड डोनेशन के लिए बच्चों को मोटिवेट किया जा सकेगा.

World Blood Donor Day 2024
ब्लड डोनेशन पर चैप्टर शुरू करने की मांग (ETV BHARAT KOTA)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 14, 2024, 1:25 PM IST

शिक्षा मंत्री को सौंपा करिकुलम (ETV BHARAT KOTA)

कोटा.विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर गुरुवार को कोटा में कई स्थानों पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. वहीं, इस दौरान रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं ने राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात की. साथ ही शिक्षा मंत्री से स्कूली पाठ्यक्रम में रक्तदान को लेकर एक चैप्टर शुरू करने की मांग की. ताकि बचपन से ही ब्लड डोनेशन के लिए बच्चों को मोटिवेट किया जा सके और उनमें रक्तदान को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया जा सके. इस बीच सबसे खास बात यह रही कि संस्थाओं की ओर से शिक्षा मंत्री को ब्लड डोनेशन के चैप्टर का पूरा करिकुलम भी सौंपा गया. ब्लड डोनर संगठनों से जुड़े दिनेश विजय ने बताया कि यह चैप्टर लागू होने के बाद राजस्थान को इससे फायदा होगा और स्वैच्छिक रक्तदान भी बढ़ेगा.

ब्लड डोनेशन के लिए नौकरी से मिले छुट्टी :दिनेश विजय का कहना है कि ब्लड डोनेशन में अधिकांश लोग इसलिए नहीं आ पाते हैं, क्योंकि उनका ड्यूटी टाइम होता है. अगर सरकार इसमें छूट देती है तो ब्लड डोनेशन बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ने पर कोई व्यक्ति ब्लड डोनेशन के लिए जाता है तो उसे अवकाश मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा सरकार करती है तो प्राइवेट और सरकारी नौकरी करने वाले लाखों लोग ब्लड डोनेशन कर लोगों की जान बचा सकेंगे और नेगेटिव ग्रुप के ब्लड की मांग भी समय से पूरी की जा सकेगी. यह काम व्यक्ति की जान बचाने से जुड़ा है, इसलिए रियायत भी दी जा सकती है.

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ग्रामीण इलाकों में चलाएंगे अभियान :ब्लड डोनेशन से जुड़े भुवनेश गुप्ता का कहना है कि 80 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान कोटा में हो रहा है, लेकिन हमारा लक्ष्य इसे 100 फीसदी करने का है. इसको लेकर ग्रामीण एरिया में भी हम लोगों को जागरूक करेंगे. छोटे कस्बों और पंचायत स्तर पर चौराहे और सार्वजनिक स्थानों पर शिविर लगाएंगे, ताकि लोग ब्लड डोनेशन के बारे में सभी जागरूक हो. संभाग के करीब 70 फीसदी आबादी ग्रामीण है, लेकिन वहां रक्तदान की हिस्सेदारी 20 फीसदी से भी कम है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाके के युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़ेंगे, ताकि वो अपने आसपास के लोगों को मोटिवेट कर सकें. ऐसे लोग जब कोटा में उपचार के लिए आते हैं तो रक्तदान के लिए परेशान भी होते हैं. वे ब्लड डोनेशन कर रक्त ले भी सकेंगे.

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60 फीसदी लोगों को नहीं पता होता ब्लड ग्रुप : भुवनेश गुप्ता का कहना है कि 60 फीसदी लोगों को उनके ब्लड ग्रुप के बारे में पता नहीं होता है. इन लोगों को उनके ब्लड ग्रुप की जानकारी देने के लिए भी हम कैंप आयोजित करेंगे और हमारा लक्ष्य है कि कोटा सहित पूरे हाड़ौती संभाग के व्यक्तियों को उनके ब्लड ग्रुप की जानकारी हो. उन्होंने कहा कि हम तो यह भी मांग करते हैं कि सरकारी आईडी व डॉक्यूमेंट में व्यक्ति के ब्लड ग्रुप को भी जोड़ा जाए, ताकि सभी को उसके ब्लड ग्रुप की जानकारी हो और कोई डोनेशन से पीछे न हटे. इससे जरूरत पड़ने पर रक्त की कमी दूर की जा सकेगी और ब्लड बैंक भी भरे रहेंगे, जिनमें बिना रिप्लेसमेंट रक्त दिया जा सकेगा.

कॉलेज स्टूडेंट को ब्लड डोनेशन पर मिले प्रोत्साहन अंक :सरकार जिस तरह से सरकारी योजनाओं और प्रोजेक्ट को लागू करती है, जिनमें पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण व योगा डे पर आयोजन होते हैं. उनमें बड़े स्तर पर सरकारी कार्मिक इनका प्रचार करते हैं. ऐसा ब्लड डोनेशन के लिए भी आयोजन होना चाहिए. साथ ही युवाओं और कॉलेज स्टूडेंट्स को ब्लड डोनेशन अभियान से जोड़ने के लिए उन्हें ब्लड डोनेशन करने पर सर्टिफिकेट के साथ-साथ कुछ अंक भी दिए जाएं, ताकि वो प्रोत्साहित होकर इस अभियान से जुड़े.

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