कड़ी धूप में सैकड़ों महिलाओं ने घेरा कलेक्टर दफ्तर , भलपहरी गिट्टी खदान बंद करने पर अड़े ग्रामीण - ballast mine of Kawardha
Demand to close Bhalpahari ballast mine कवर्धा के भलपहरी गिट्टी खदान को बंद करने के लिए महिलाओं समेत ग्रामीणों ने मोर्चा खोला.ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया और अपनी मांगें कलेक्टर को बताई.जिसके बाद कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा ग्रामीणों को दिया है.Kawardha PHE Department
कड़ी धूप में सैंकड़ों महिलाओं ने कलेक्टर दफ्तर घेरा (ETV Bharat Chhattisgarh)
कड़ी धूप में सैकड़ों महिलाओं ने घेरा कलेक्टर दफ्तर (ETV Bharat Chhattisgarh)
कवर्धा:कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत भलपहरी गांव में आशा मिनरल्स गिट्टी खदान संचालक और ग्रामीणों के बीच विवाद गहराता जा रहा है. इस बार भलपहरी समेत पांच गांव की सैंकड़ों महिलाएं समनापुर मार्ग से रैली निकालकर जिला मुख्यालय पहुंची.इस दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया.शनिवार को छुट्टी होने के कारण कलेक्टोरेट में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था.लेकिन ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरु किया.
सैंकड़ों महिलाओं ने किया धरना प्रदर्शन :ग्रामीण महिलाएं जांच कार्रवाई के बाद तत्काल खदान बंद करने की मांग को लेकर नारेबाजी की. इस दौरान जब सुरक्षाकर्मियों ने अफसरों को इसकी जानकारी दी तो वो कलेक्टोरेट पहुंचे.लेकिन महिलाओं समेत पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर को मौके पर बुलाने की बात कही.इसके बाद धरना प्रदर्शन शुरु किया.इस मामले में कलेक्टर जनमेजय महोबे ने ग्रामीणों को जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
''दो दिन पहले ग्रामीणों की शिकायत पर माइनिंग अफसर मौके पर जाकर कार्रवाई किए थे. अब ग्रामीणों को लगा कि खदान फिर से चालू होगा. इसलिए आज भी ग्रामीण पहुंचे थे.ग्रामीणों का कहना है कि वाटर लेवल भी डाउन हो रहा है. जिस पर पीएचई विभाग को बोला गया है वे जाकर जल स्तर की जांच करें."- जनमेजय महोबे, कलेक्टर
क्या है ग्रामीणों का आरोप ?:ग्रामीणों का आरोप है कि जब से भलपहरी गांव में आशा मिनरल्स गिट्टी खदान शुरु हुई है,तब से पांच से छह गांव का वाटर लेवल नीचे गिर गया है. खदान में महीने में 100 से 200 बार विस्फोट किया जाता है. धूल मिट्टी से फसल बर्बाद होती है. अब तो स्थिति ये है कि बोर और हैंडपंप सूखने लगे हैं.जिसके कारण किसानों को खेती करने में दिक्कत आ रही है.ग्रामीणों के मुताबिक प्रशासन को समस्या बताने पर भी अभी तक कोई हल नहीं निकला.इस खदान को एक बार बंद भी कराया गया था.लेकिन फिर से शुरु कर दिया गया. वहीं बड़े वाहनों के कारण गांव की सड़क अब किसी काम की नहीं रह गई है.