जयपुर.न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसानों ने 29 जनवरी को गांव बंद आंदोलन का आह्वान किया है. किसान महापंचायत ने प्रदेश के 45, 537 गांवों में बंद का आह्वान किया है. इस दिन गांव के लोग और उत्पाद गांव में ही रहेंगे. आपातकालीन स्थिति को छोड़कर बस, जीप, रेल या अन्य किसी यातायात के साधन का उपयोग नहीं किया जाएगा. गांव से किसान मंडियों में बेचने के लिए अनाज या फल-सब्जी बेचने नहीं जाएंगे. हालांकि, फसल या डेयरी उत्पाद कोई व्यक्ति लेने गांव जाता है तो वहां उसे उचित मूल्य पर बेचने का भी आह्वान किया गया है. खेत को पानी देने के लिए सिंचाई परियोजनाओं को प्रमुखता से पूरा करने, फसल को दाम के लिए खराबे की क्षतिपूर्ति के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून जल्द बनाने की मांग को लेकर यह आंदोलन चलाया जा रहा है.
गेहूं की एमएसपी पर खरीद पर पूरा बोनस नहीं :किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने आज सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरे की खरीद की व्यवस्था करने, गेहूं की खरीद बोनस सहित 2700 रुपए में करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है. लेकिन ज्वार और बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं की गई है. जबकि गेहूं के समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार को 425 रुपए बोनस देना था. लेकिन सरकार ने महज 125 रुपए बोनस देकर 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद की है. इससे किसानों को एक क्विंटल पर 300 रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.
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बाजरे की खरीद नहीं, किसान उठा रहे घाटा: रामपाल जाट ने कहा कि भाजपा ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद का वादा किया था. अब बाजरे की खरीद करने के बजाए इससे साफ इनकार कर दिया है. जबकि बाजरे का समर्थन मूल्य 2,625 रुपए घोषित है. इसके उलट किसानों को बाजरे के 1800-2400 रुपए प्रति क्विंटल दाम ही मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 225 रुपए से 825 रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.