जयपुर.राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी है. इस बीच बिजली के उत्पादन और डिमांड का अंतर गहराने से गांवों से लेकर शहर तक बिजली कटौती की जा रही है. प्रचंड गर्मी के बीच बिजली कटौती से आमजन परेशान है. दरअसल, प्रदेश में बिजली उत्पादन के मुकाबले डिमांड 1500 से 2500 मेगावाट तक बढ़ गई है. ऐसे में 220 केवी जीएसएस से जुड़े फीडरों पर दो-ढाई घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की जा रही है.
भीषण गर्मी में बिजली की बढ़ी हुई मांग पूरी करने के लिए ऊर्जा विकास निगम की ओर से हर दिन 5-6 करोड़ यूनिट बिजली हर दिन महंगी दर पर एक्सचेंज से खरीदी जा रही है. इसके बावजूद डिमांड और सप्लाई में अंतर बरकरार है. ऊर्जा विकास निगम ने बीते एक सप्ताह में 38 करोड़ यूनिट बिजली महंगी दर पर एक्सचेंज से खरीदी है. इसके लिए 225 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. प्रदेश में गहराते बिजली संकट पर डिस्कॉम्स के सीएमडी भानु प्रकाश एटरू का कहना है कि प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बिजली की डिमांड में लगातार इजाफा हो रहा है.जिसे पूरी करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शाम से रात तक जब डिमांड ज्यादा होती है और मांग पूरी करने के लिए एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है.
दूसरे राज्यों में भी बढ़ी डिमांड: राजस्थान में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से बिजली उधार लेने का भी प्रावधान है. तकनीकी भाषा में इसे बैंकिंग प्रक्रिया कहते हैं. लेकिन गर्मी में अन्य राज्यों में भी बिजली की मांग बढ़ी है. ऐसे में अन्य राज्यों से बिजली उधार लेने की प्रक्रिया भी संभव नहीं है. इसके चलते एक्सचेंज से बिजली लेने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है.
मई में रिकॉर्ड 3425 लाख यूनिट की डिमांड: राजस्थान में भीषण गर्मी के चलते मई में इस बार अब तक की रिकॉर्ड बिजली की डिमांड रही है. प्रदेश में बिजली की डिमांड 18 मई को 3425 लाख यूनिट तक पहुंच गई. जबकि मई के शुरुआत में यह डिमांड 2836 लाख यूनिट ही थी. बीते 15 दिनों में बिजली की डिमांड 590 लाख यूनिट तक बढ़ गई है. इसके चलते लोड मैनेजमेंट के लिए अघोषित बिजली कटौती का सहारा लिया जा रहा है.