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अयोध्या को श्रीगंगानगर से जोड़ने सहित आधुनिक ट्रेनों के संचालन की मांग - Operation of Modern Trains

Connecting Ayodhya with SriGanganagar, अयोध्या को श्रीगंगानगर से जोड़ने सहित आधुनिक ट्रेनों के संचालन की मांग की जा रही है. रेल बजट को लेकर श्रीगंगानगर जिले के लोगों की क्या है मांग, यहां जानिए...

Connecting Ayodhya with SriGanganagar
Connecting Ayodhya with SriGanganagar

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 28, 2024, 10:43 AM IST

श्रीगंगानगर. कुछ ही दिनों में केंद्रीय बजट पेश होने वाला है. इस बजट के साथ रेल बजट भी पेश होगा. इस बजट को लेकर श्रीगंगानगर जिले के लोगो की कई उमीदे हैं. लोगों का कहना है कि आधुनिकता के दौर में नयी आधुनिक ट्रेनों का संचालन श्रीगंगानगर से हो. इसके साथ साथ ट्रेनों के संचालन में और अधिक जिम्मेदारियां तय की जानी चाहिए.

क्या है रेल बजट से उमीदें ? रेल संघर्ष समिति के एडवोकेट रविंद्र मोदी का कहना है कि अयोध्या से पंजाब के भटिंडा तक फरक्का एक्सप्रेस रेल शुरू हो चुकी है. इस रेल को श्रीगंगानगर तक विस्तारित किया जाना चाहिए, ताकि जिले के लोग अयोध्या से सीधे जुड़ जाए. उन्होंने कहा कि रेलों में महिलाओ की सुरक्षा व्यवस्था पर और अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि सुरक्षित समझा जाने वाला रेल सफर और अधिक विश्वसनीय हो सके.

पढ़ें :श्रीगंगानगर को एक और ट्रेन की सौगात, सादुलपुर-जयपुर ट्रेन अब चलेगी यहां तक

समिति के योगेश गुप्ता का कहना है कि श्रीगंगानगर जिले में कई रेल अंडरपास ऐसे हैं, जिनमें बारिश के समय पानी भर जाता है और वाहनचालकों को भारी परेशानी होती है. ऐसे में इन अंडरपास के ऊपर छत लगनी चाहिए. वहीं, श्रीगंगानगर कोटा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को सातों दिन श्रीगंगानगर वाया हनुमानगढ़ रूट से चलाने की मांग की गई है. समिति के प्रवीण नागपाल का कहना है कि श्रीगंगानगर से दिल्ली के लिए चलने वाली तिलकब्रिज एक्सप्रेस में ऐसी डिब्बे बढाए जाने चाहिए और अधिक यात्रीभार को देखते हुए दिन के समय में एक और इंटरसिटी एक्सप्रेस दिल्ली के लिए चलाई जानी चाहिए.

बनवाली गुड्स शेड को जल्द शुरू करने की मांग : श्रीगंगानगर और सादुलशहर के बीच बनवाली रेलवे स्टेशन पर बन रहे गुड्स शेड को जल्द शुरू करने की मांग की गई है. बता दें कि इस गुड्स शेड के शुरू होने के बाद श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर एंट्री का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और जगह खाली होने के बाद और अधिक ट्रेनों के संचलन की संभावना बढ़ जाएगी.

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