नई दिल्ली:राजधानी मेंगर्मी बढ़ने के कारण बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही है. इसको पूरा करने के लिए बीएसईएस दिल्ली ने तैयारी कर ली है, जिससे गर्मी में दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वी दिल्ली के लगभग दो करोड़ निवासियों को बेहतर बिजली आपूर्ति की जा सके. इस बार गर्मी में बिजली खपत के पिछले सारे रिकॉर्ड टूटने के अनुमान का अनुमान है. कहा जा रहा है कि दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 8000 मेगावॉट पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 7438 मेगावॉट पहुंची थी. वहीं, 2022 में बिजली की मांग 7695 मेगावॉट तक पहुंच गई थी.
पारंपरिक पावर प्लांटों से मिल रही बिजली के अलावा, बीएसईएस को लगभग 2100 मेगावॉट अक्षय ऊर्जा मिलेगी. वहीं सौर ऊर्जा के प्लांटों से बीएसईएस को 888 मेगावॉट सौर ऊर्जा मिलेगी. इसके अलावा हाइड्रो पावर प्लांट से 515 मेगावॉट बिजली, विंड पावर से 500 मेगावॉट बिजली कचरे से बनने वाली 40 मेगावॉट. बीएसईएस क्षेत्र में उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर लगे रूफटॉप सोलर पैनलों से भी 163 मेगावॉट बिजली बीएसईएस को दी जाएगी. इसके अलावा पावर बैंकिंग के माध्यम से भी बीएसईएस को 670 मेगावॉट बिजली मिलेगी.
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