नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय द्वारा केंद्र से विशेष फंड के लिए अनुरोध किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि दिल्ली की वित्त मंत्री श्रीमती आतिशी और महापौर डॉ. शेली ओबेरॉय को केंद्र सरकार से दिल्ली के कुल प्रत्यक्ष करों के 5% के बराबर विशेष निधि की मांग करते देखना चौंकाने वाला है, जबकि दिल्ली सरकार अपने देय संवैधानिक निधि से नागरिक निकाय को वंचित कर रही है.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि, "आज 2024 में एम.सी.डी. को आदर्श रूप से 7वें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार निधि मिलनी चाहिए थी, लेकिन यहां दिल्ली सरकार एम.सी.डी. को 5वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार निधि दे रही है जो 2016-17 में तय की गई थी. अनिवार्य 6वें डी.एफ.सी. का गठन 2016-17 में नहीं किया गया था नहीं तो 7वें डी.एफ.सी. का गठन 2021-22 में देय हो जाता. इसके अलावा, दिल्ली सरकार 2015-16 से एम.सी.डी. का 20000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया रोके है, 4वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार जिन्हें केजरीवाल सरकार ने एम.सी.डी. को नकार दिया क्योंकि उस समय भाजपा नागरिक निकाय में सेवा में थी."