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8 अक्टूबर से पहले बुलाया जाएगा दिल्ली विधानसभा का सत्र, CM केजरीवाल से मिले स्‍पीकर राम न‍िवास गोयल - Speaker Goyal met CM Kejriwal

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 15, 2024, 10:39 PM IST

दिल्ली विधानसभा का सत्र जल्द बुलाया जाएगा. रविवार को यह बात स्पीकर राम न‍िवास गोयल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कही. साथ ही उन्होंने केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के ऐलान का स्वागत किया.

स्‍पीकर राम न‍िवास गोयल
स्‍पीकर राम न‍िवास गोयल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के ऐलान के बाद सियासत तेज हो गई है. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का भी बड़ा बयान सामने आया है. स्पीकर गोयल ने सीएम केजरीवाल से देर शाम मुलाकात की है और उनके इस्तीफा देने संबंधी न‍िर्णय के प्रस्ताव को सही बताया. उन्होंने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद नसे मुलाकात नहीं हो पाई थी. इसीलिए रव‍िवार को उनसे मिलने गए थे. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई. केजरीवाल ने चर्चा के दौरान कहा कि उनको मुख्यमंत्री पद को कोई लालच नहीं है और अगर जनता को उनकी ईमानदारी और उस पर विश्वास होगा तो वह फिर से उनको चुनकर भेजेगी. इसके बाद फ‍िर से वह मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभालेंगे.

विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री पर अनर्गल भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाता है. उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है जो स्वागत योग्य है. जेल से इस्‍तीफा देने पर ऐसा लगता की डर की वजह से द‍िया गया है. अब बाहर आकर उन्‍होंने इस्‍तीफा देने का ऐलान क‍िया है ज‍िससे वो बीजेपी की तरफ से अपने ऊपर लगाए गए उन सभी दाग को धोने का काम करेंगे, जो उन्‍होंने (बीजेपी) लगाए हैं. दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाये जाने पर रामनिवास गोयल ने बताया कि यह जल्द बुलाया जाएगा. व‍िधानसभा का सत्र 8 अक्टूबर से पहले बुलाया जाएगा.

अभी कार्यकाल 4 से 5 माह बाकी हैःविधानसभा अध्यक्ष ने असेंबली भंग करने के सवाल पर कहा है कि अभी विधानसभा का 4-5 माह का कार्यकाल बचा है. सरकार को इसे भंग करने की कोई आवश्यकता नहीं है, जहां तक विपक्ष (बीजेपी) का सवाल है तो वह जो मांग कर रहे हैं वह करते रहें. विपक्ष ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्‍व में 8 व‍िधायकों ने राष्ट्रपति से मुलाकात भी की थी और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. विधानसभा भंग करने को भी कहा गया. इस मामले पर राष्ट्रपति की तरफ से संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय को इस मामले को देखने के लिए न‍िर्देश द‍िए हैं, लेकिन हमारा कार्यकाल अभी चार-पांच माह बचा हुआ है.

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