नई दिल्ली: दिल्ली में बस हादसों को रोकने के लिए करीब 16 हजार बस चालकों का डेटा आधार कार्ड नंबर के जरिए एकीकृत किया जा रहा है. जिससे चालक एक से अधिक जगह बस चलाने की ड्यूटी न कर सकें. बहुत जल्द ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसके लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (डीटीसी) की ओर से डेंटर जारी कर मशीनें लगवाई जाएंगी.
कुछ दिन पूर्व दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि बस चालक एक से अधिक जगह बस चलाने की ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में चालकों को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता है. जिससे दिल्ली में बस चलाने के दौरान हादसे हो रहे हैं. कई हादसों में यात्रियों की जान भी जा चुकी है. अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि उन चालकों का पता लगाया जा सके जो एक से अधिक जगह पर बस चलाते हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली के सभी चालकों का डेटा आनलाइन एकीकृत करने को कहा था. इसके साथ ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस भी लगाई जाएगी.
चालकों का डेटा एकीकृत करेगी डीटीसी:दिल्ली के सभी चालकों का डेटा आनलाइन एकीकृत करने का काम डीटीसी को दिया गया है. डीटीसी के पीआर मैनेजर राकेश कुमार का कहना है कि, "डीटीसी का आईटी विभाग ने इसपर काम करना शुरू कर दिया है. दिल्ली में डीटीसी के साथ दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डिम्ट्स) द्वारा बसों का संचालन किया जा रहा है. सिर्फ डीटीसी के पास कुछ सरकारी चालक हैं. डिम्स की बसें संविदा चालक चलाते हैं. इसके साथ ही दिल्ली में जेबीएम और टाटा कंपनी द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. इन बसों को बनाने वाली कंपनी द्वारा संविदा चालकों से चलवाया जा रहा है. इन सभी चालकों का विवरण डीटीसी ने लिया है. इनका कंपाइल पूरा डेटा तैयार किया जा रहा है."