नई दिल्ली:दिल्ली-एनसीआर में दीवाली के मौके पर पटाखों पर बैन के बावजूद छोटी दिवाली के दौरान पटाखों की आवाज़ें हर ओर सुनाई दीं. क्षेत्र की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जो लोगों की सेहत के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
आनंद विहार का AQI 418 तक पहुंचा
छोटी दिवाली के बाद समस्त दिल्ली एनसीआर में हवा में प्रदूषण का जहर जैसे ही घुलने लगा, देखने को मिला कि सुबह के वक्त कई इलाकों में धुंध की चादर फैली हुई थी. खासकर आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 418 तक पहुंच गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. इसके अलावा, दिल्ली के 27 इलाकों का एक्यूआई 300 से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि 11 इलाकों का एक्यूआई खराब श्रेणी में बना हुआ है.
प्रदूषण के आंकड़े: दिल्ली और आसपास की स्थिति
- अलीपुर: 326
- आनंद विहार: 420
- अशोक विहार: 370
- आईजीआई एयरपोर्ट: 303
- जहांगीरपुरी: 391
- वजीरपुर: 398
इसी तरह, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में भी प्रदूषण के स्तर ने चिंता बढ़ाई है, जहां गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 271 और नोएडा के सेक्टर 62 में 284 के स्तर पर पहुंच गया.
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बचाव की आवश्यकता
बढ़ते प्रदूषण ने सबसे अधिक बच्चों और बुजुर्गों को घरों में कैद कर दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते ना केवल श्वसन समस्याएं बढ़ सकती हैं, बल्कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव भी छोड़ सकती है. खासकर पीएम 10, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड जैसे तत्व हवा में मौजूद सभी के लिए चिंता का विषय बन गए हैं.
दिवाली पर अलर्ट जारी
छोटी दिवाली के बाद, अब दिवाली के मौके पर भी ध्वनि और वायु प्रदूषण में और वृद्धि हो सकती है. वहीं, 30 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 307 तक पहुंच गया था, जबकि पिछले वर्षों में भी इस दिन प्रदूषण का स्तर अधिक रहा है. वर्ष 2020 में एक्यूआई 296, 2021 में 314, 2022 में 259 और 2023 में 220 रहा. ऐसे स्थिति में, इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इस बार दीवाली पर आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ेगा.
स्वास्थ्य पर प्रभाव
एयर क्वालिटी इंडेक्स की श्रेणियां स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि हवा की गुणवत्ता कितना खराब हो चुकी है. जहां 0-50 को 'अच्छा' माना जाता है, वहीं 301-400 तक का एक्यूआई 'अत्यंत खराब' यानि गंभीर श्रेणी में आता है. ऐसे में, लोगों को चेतना बेहद आवश्यक है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाएं.
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