नई दिल्ली: दिल्ली में सर्दियों के दौरान प्रदूषण के स्तर में हर साल बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिलती है. राजधानी की हालत किसी गैस चैंबर जैसी बन जाती है. इस बार ऐसा ना हो, इसके लिए दिल्ली सरकार अभी से तैयारी कर रही है. इसी दिशा में दिल्ली सरकार ने इस बार कृत्रिम बारिश करने का फैसला लिया है. मगर यह बारिश तभी हो सकती है जब केंद्र सरकार और संबंधित अन्य एजेंसियां इस पर सहमति दें. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संदर्भ में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिखा है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली के शीतकालीन वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) का मूल्यांकन करने और आवश्यक अनुमति सुरक्षित करने के लिए हितधारकों के साथ एक तत्काल बैठक बुलाने का भी अनुरोध किया है.
केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने जिक्र किया है कि हर साल नवंबर में दिल्ली की गंभीर स्थिति को देखते हुए, इस बार कृत्रिम बारिश के विकल्प का आकलन करना अनिवार्य है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी विशेष स्थान पर क्लाउड सीडिंग लागू करने के लिए भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों से पूर्व मंजूरी भी मिल जाए.
अपनी चिट्ठी में मंत्री गोपाल राय एक आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग का मूल्यांकन करने और आवश्यक अनुमतियां सुरक्षित करने के लिए दिल्ली सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय मौसम विभाग और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ एक तत्काल बैठक बुलाने की बात लिखी है. विशेष रूप से, दिल्ली सरकार ने शीतकालीन कार्य योजना के तहत विभिन्न उपायों को लागू करने का तय किया है और वायु गुणवत्ता चिंताजनक होने पर तत्काल राहत के लिए सक्रिय रूप से वैकल्पिक समाधान तलाश रही है.