नई दिल्ली: दिल्ली में 320 नई इलेक्ट्रिक बसों को उपराज्यपाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हरी झंडी देकर सड़क पर उतारा. दिल्ली में अब कुल इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा 1970 हो गया है. नई इलेक्ट्रिक बसों के चलने से यात्रियों को राहत मिलेगी. राजधानी में पहले से 1650 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर चल रही है. जिसमें 1350 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) के अधीन चल रही है. जबकि, 300 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डिम्ट्स) के अधीन चल रही है.
टाटा और जेबीएम कंपनी इलेक्ट्रिक बसें बना रही है. वहीं, कम्पनी बसों को संचालित भी कर रही है. दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों की पहली पसंद है क्योंकि ये बसें नई हैं और इनके एसी अच्छी तरह काम करते हैं. डीटीसी और डिम्ट्स के अधीन चलने वाली सीएनजी की बसें पुरानी हो चुकी है. इन बसों के एसी सही से काम नहीं करते हैं. इससे बसों में काफी भीड़ होने के कारण गर्मी से यात्री बेहाल हो जाते हैं. इतना ही नहीं सीएनजी बसें पुरानी होने के कारण जगह-जगह खराब हो जाती है. इससे यात्रियों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.
80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य:परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें चलाने का लक्ष्य है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. इस समस्या को देखते हुए 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य रखा गया है. 8000 बसें दिल्ली में इलेक्ट्रिक होंगी अन्य सीएनजी बसें होंगी.