नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से लोगों को मुफ्त पानी मुहैया करवाया जा रहा है. दूसरी तरफ दिल्ली के तमाम ऐसे सरकारी विभाग और सिविक बॉडीज हैं, जो दिल्ली जल बोर्ड के कमर्शियल वाटर कनेक्शन होने के बाद भी पानी के बिल भरने को तैयार नहीं हैं. इन सरकारी विभागों पर दिल्ली जल बोर्ड का सालों से करोड़ों रुपये बकाया है. बावजूद इसके यह तमाम नोटिस और रिमांडर मिलने के बाद बकाया राशि के भुगतान की जहमत नहीं उठा रहे हैं. पानी का बिल भुगतान नहीं करने वाले बड़े बकायेदार में दिल्ली नगर निगम का नाम शामिल है, जिस पर 6,579 करोड़ से ज्यादा का पानी का बिल बकाया है. एमसीडी दिल्ली की 95 फीसदी आबादी का नेतृत्व करने वाली इकलौती नगर निकाय है.
दिल्ली जल बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो एमसीडी के अधीनस्थ आने वाले 12 जोनों के ऊपर जल बोर्ड की भारी भरकम देनदारी है. डीजेबी की ओर से पिछले साल मई तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली नगर निगम को अपने अधीनस्थ आने वाले कार्यालयों के बकाये पानी के बिल के रूप में कुल 6,579 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. यह बिल राशि डीजेबी को 167 वाटर कनेक्शन की एवज में अदा की जानी है, लेकिन एमसीडी ने सालों से बकाया पानी के बिल भरने की जरूरत ही महसूस नहीं की है.
अगर बात एकीकृत दिल्ली नगर नगर से पहले की करें तो नॉर्थ एमसीडी अकेली ऐसी नगर निकाय है, जिसके ऊपर जल बोर्ड की सबसे ज्यादा देनदारी है. नॉर्थ एमसीडी के पास 47 वाटर कनेक्शन पर 6310.49 करोड़ रुपए का पानी का बिल बकाया है. इसके बाद दूसरे नंबर पर साउथ एमसीडी है. जिसके पास 81 पानी के कनेक्शन है. नगर निगम के अधीनस्थ आने वाले अलग-अलग ऑफिसों के इन 81 वाटर कनेक्शन पर दिल्ली जल बोर्ड का 159.06 करोड़ रुपये का वाटर बिल बकाया है. तीसरे नंबर पर ईस्ट एमसीडी आती है, जिसके ऊपर भी 110.08 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जाना बाकी है. ईडीएमसी के पास 39 वाटर कनेक्शन हैं, जिनके ऊपर यह देनदारी बकाया है.
ये भी पढ़ें :'दिल्ली की मदद करें, एक महीने के लिए दें पानी', मंत्री आतिशी ने हरियाणा और यूपी के सीएम को लिखा लेटर