नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और उनकी पत्नी अलका अरोड़ा, इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल की 8.80 करोड़ रुपये की कुल कीमत वाली विभिन्न अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. ईडी ने कहा है कि जगदीश अरोड़ा और अन्य के मामले में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत उप-ठेकेदार और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीजेबी के ठेकेदार) अचल संपत्तियां दिल्ली में स्थित हैं, जिन्हें कुर्क किया गया है.
इसी मामले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली ने धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत राजिंदर कुमार गुप्ता, पूर्व-सीएमडी, डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड, उनकी पत्नी रीमा सिंगल और उनके पुत्र गौरव सिंगल से संबंधित कुल 3.27 करोड़ रुपए कीमत की गुड़गांव स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की. इसमें दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत से संबंधित मामले शामिल है.
FIR में आरोप लगाया गया है कि जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने जल बोर्ड के फ्लो मीटर कॉन्ट्रैक्ट को एनकेजी कंपनी को 38 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई लागत पर दिए. जबकि, कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को भी पूरा नहीं करती थी. ईडी की जांच में यह भी पता लगा है कि कंपनी ने जाली, नकली और झूठे दस्तावेज जमा करके बीड प्राप्त की थी.
जल बोर्ड द्वारा प्राप्त 24 करोड़ रुपए की भुगतान में केवल 14 करोड़ रुपए की अनुबंध कार्य पर खर्च किए गए. बाकी बची राशि को रिश्वत के लिए निकाल लिया गया. आरोप है कि जगदीश कुमार अरोड़ा ने 3 करोड़ 19 लाख रुपए की रिश्वत ली. Fसमें से उन्होंने दो करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के रूप में दिए थे.