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झांसी की रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय हीरो, आप माफी मांगें, शाही ईदगाह कमेटी को दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार - Jhasi ki Rani lakshmi bai

Rani Lakshmi Bai Statue in Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का विरोध करने वाली याचिका पर कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा वो हमारी राष्ट्रीय हीरो हैं. कोर्ट ने कहा कि आप माफी मांगिए. दरअसल ईदगाह प्रबंधन ने ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा लगाए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी.

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय होरी-दिल्ली हाईकोर्ट
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय होरी-दिल्ली हाईकोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 25, 2024, 2:23 PM IST

Updated : Sep 25, 2024, 3:42 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बुधवार को एक सुनवाई के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को देश की हीरो कहा है, हाईकोर्ट ने रानी लक्ष्मी बाई का जिक्र करते हुए महिला सशक्तिकरण की बात पर जोर दिया. दरअसल हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली के शाही ईदगाह पार्क में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने की इजाजत देने वाले सिंगल जज के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को फटकार लगाई. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और आप एक महिला सेनानी की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जता रहे हैं.

'रानी लक्ष्मीबाई सभी धार्मिक सीमाओं से परे हैं...'
हाईकोर्ट ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय हीरो हैं उनको धार्मिक रूप नहीं देना चाहिए, वो सभी धार्मिक सीमाओं के परे हैं. वह एक राष्ट्रीय हीरो हैं, आप इसको धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं और वो कोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. सिंगल बेंच ने जो कहा है उसे पढ़िए. आप माफी मांगिए.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि अब ये फैशन हो गया है कि दलीलों में कड़े बयान दें. वे सिंगल बेंच या ट्रिब्यूनल को कैसे संबोधित किया जाता है ये नहीं जानते हैं. तब कोर्ट ने कहा कि इसमें कोर्ट को नहीं संबोधित किया जा रहा है बल्कि इसके पीछे कोई और है. यही समस्या है और वकील भी इसमें फंसते जा रहे हैं. अगर वकील इस तरह फंसेंगे तो संस्थाएं टूटने लगेंगी. तब याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिका दायर करने के पीछे उनका ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था. तब कोर्ट ने कहा कि कोर्ट का इस्तेमाल इस उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है. कोर्ट के बाहर सांप्रदायिक राजनीति कीजिए. कोर्ट को इसमें मत घसीटिए. तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सिंगल जज के बारे में जो कुछ भी याचिका में लिखा गया है वो हटा लेंगे. तब कोर्ट ने इसके लिए अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया.

शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी की याचिका पर सुनवाई
याचिका शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी की ओर से दायर की गई. याचिका में कहा गया था कि शाही ईदगाह की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए क्योंकि ये एक वक्फ संपत्ति है. याचिका में 1970 के गजट नोटिफिकेशन का जिक्र किया गया था जिसमें शाही ईदगाह पार्क को प्राचीन संपत्ति बताया गया था जो मुगल काल में बनी थी और वहां नमाज अदा दी जाती है. सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईदगाह के बाउंड्री के चारों ओर का खुला इलाका और ईदगाह पार्क डीडीए की संपत्ति है.

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Last Updated : Sep 25, 2024, 3:42 PM IST

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