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भलस्वा से सभी डेयरियों को शिफ्ट करना होगा, दिक्कत है तो एमसीडी ट्रिब्यूनल जाइए..., हाईकोर्ट का आदेश - Bhalswa Dairy Shifting Case - BHALSWA DAIRY SHIFTING CASE

Bhalswa Dairy Colony Encroachment: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम लोगों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है और मवेशियों को जहरीला कचरा खाने की अनुमति नहीं दे सकते. क्योंकि इससे वे स्वस्थ दूध पैदा करने से वंचित रह जाएंगे. इस कथन के साथ ही कोर्ट ने सिर्फ उन लोगों को 23 अगस्त तक राहत दी, जो भलस्वा से शिफ्ट करना चाहते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत.
दिल्ली हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 16, 2024, 9:12 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 10:38 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को शिफ्ट करने का विरोध करने पर आपत्ति जताई है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप डेयरी के इलाके में आवासीय कॉलोनी बनाकर रह रहे हैं. अगर आपको दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई पर कोई आपत्ति है आप एमसीडी अपीलीय ट्रिब्यूनल जाइए.

हाईकोर्ट ने भलस्वा से डेयरियों को हटाने पर लगी अंतरिम रोक का आदेश केवल उन लोगों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया, जो वहां से शिफ्ट करना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि जो भलस्वा से शिफ्ट करना चाहते हैं वे हलफनामा दाखिल कर बताएं कि अपने-अपने प्लॉट में कितने मवेशियों को पालने के लिए निर्माण कर रखा है. हाईकोर्ट ने ये अंतरिम आदेश 23 अगस्त तक बढ़ाने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने जब बाकी लोगों को हटाने से कोई सुरक्षा देने से इनकार कर दिया तब उन्होंने याचिका वापस लेते हुए एमसीडी अपीलीय ट्रिब्यूनल में जाने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

आने वाली पीढ़ियों के लिए कर रहेः कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह शहरवासियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है और मवेशियों को जहरीला कचरा खाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे वे स्वस्थ दूध पैदा करने से वंचित रह जाएंगे. हम जो भी कर रहे हैं वो अपने लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि डेयरी को हटाने से रोकने की मांग करनेवालों से कहा कि आपको डेयरियों की चिंता नहीं बल्कि संपत्तियों की चिंता है.

"इन लोगों को डेयरियों से कोई सरोकार नहीं है. उन्हें केवल अपनी संपत्तियों से सरोकार है. ये सभी संपत्ति के ब्रोकर हैं. इसका शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं है. हम दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं." -दिल्ली हाईकोर्ट

कोर्ट डेयरी नहीं, अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ हैः सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने कहा कि वे डेयरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं बल्कि डेयरी की भूमि पर बने अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं. दरअसल, दिल्ली के ककरोला डेयरी, गोयला डेयरी, नांगली शक्रावती डेयरी, झड़ौदा डेयरी, भलस्वा डेयरी, गाजीपुर डेयरी, शाहाबाद दौलतपुर डेयरी, मदनपुर खादर डेयरी और मसूदपुर डेयरी के लोगों ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी.

शिफ्ट करने का दिया है आदेशः इसके पहले 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कॉलोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी. याचिका सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि लैंडफिल साइट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं. इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है और जानवरों की अधिकता इतनी ज्यादा है कि कई बार जानवरी मल पर ही लेटी रहती हैं. इससे मच्छर पैदा होते हैं. याचिका में कहा गया है कि इसके पहले हाईकोर्ट ने इन डेयरियों को दिल्ली के नगर निगम के इलाकों से बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर गौरी पुरी ने कोर्ट को बताया था कि इन डेयरियों में पशुओं को ऑक्सीटोसिन की खुराक धड़ल्ले से दी जाती है ताकि दूध ज्यादा निकाला जा सके.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 10:38 PM IST

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