नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी मर्जी से शादी कर चुके एक मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने स्थानीय पुलिस को निर्देश दिया कि वो जोड़े को सुरक्षा प्रदान करें और लड़की के पिता और मामा को निर्देश दिया कि वे किसी भी सूरत में जोड़े को नुकसान नहीं पहुंचाएं वरना दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लड़का और लड़की दोनों को कोर्ट में बुलाया. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने सुनवाई के दौरान ही लड़का, लड़की, उनके माता-पिता और वकीलों को अपने चैंबर में बुलाया. चैंबर में लड़की की इच्छा जानने के बाद जस्टिस प्रतिभा सिंह ने लड़का और लड़की दोनों को चैंबर में ही छोड़ दिया और कहा कि आप पिछले दरवाजे से आपकी जहां मर्जी हो जाइए. मैं आदेश करने जा रही हूं. कोर्ट ने लड़की के परिजनों को हिदायत दी कि वे उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएं और अगर नुकसान पहुंचाने की कोई भी कोशिश की तो दंडात्मक कार्रवाई होगी.
2021 में की थी शादीः हाईकोर्ट ने स्थानीय पुलिस थाने के एसएचओ को निर्देश दिया कि वो लड़की के घर पर नियमित रूप से जाएं और शांति और सौहार्द्र बनाए रखें. याचिकाकर्ता यूनिस मलिक उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहनेवाला है. उसके वकील मोहम्मद अली ने कहा कि यूनिस मलिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ओल्ड मुस्तफाबाद इलाके में किराये पर रह रहा था. यूनिस ने ओल्ड मुस्तफाबाद की ही रहनेवाली एक लड़की से मुस्लिम रीति-रिवाज से 22 जून 2021 को शादी की. शादी के वक्त दोनों बालिग थे. दोनों की शादी के लिए दोनों के माता-पिता की सहमति नहीं थी. लड़की के माता-पिता का कहना था कि यूनिस उनके लायक नहीं है. हालांकि, लड़का और लड़की दोनों एक ही धर्म के हैं.
मायके आने के बाद नहीं लौटीः मोहम्मद अली ने बताया कि शादी के बाद मार्च 2024 में लड़की ये कहकर अपने मायके गयी कि वो शादी को लेकर अपने माता-पिता की स्वीकृति लेकर जल्द लौटेगी, लेकिन मार्च 2024 के बाद वह नहीं लौटी. याचिका में लड़की के माता-पिता पर आरोप लगया गया था कि उन्होंने घर में ताला में बंद कर बंधकर बनाया हुआ है. 24 जुलाई को यूनिस ने पुलिस अधिकारियों को दयालपुर पुलिस के अधिकारियों से इसकी लिखित शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसके बाद यूनिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की.