नई दिल्ली/नोएडा : अमेरिका के नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ करके उनको सर्विस देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है. 11 आरोपियों नितेश सिंह, एंड्रयू, लुईस, आकाश सिंह, ऋतिक , विवेक मित्तल, राहुल पासवान, संगीता, टियानारो निवासी नागालैंड, यूनिस , सिमरन कश्यप को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें 4 युवतियां शामिल हैं.
ठगी का कॉल सेंटर थाना सेक्टर-113 में संचालित हो रहा था. आरोपियों के कब्जे से भारी संख्या में लैपटॉप, राउटर, मोबाइल, हेडफोन, फर्जी दस्तावेज और इंटरनेट मीडिया कन्वर्ट समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. नोएडा में करीब 25 दिनों से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. इससे पहले देहरादून में ये लोग कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे. वहां भी अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी की जा रही थी.
गिरफ्तार 11 में से 4 युवतियां भी : डीसीपी नोएडा राम बदन सिंह ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों से इनपुट मिला था, कि जिले के कई थानाक्षेत्र में ऐसे कॉल सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जहां से अमेरिका के नागरिकों के साथ ठगी हो रही है. इसके बाद कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने के कई टीमें बनाई गईं. गुरुवार को पुलिस ने थाना सेक्टर-113 क्षेत्र में छापेमारी की. यहां एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया .
सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर पॉपअप मैसेज से ठगी : आरोपियों ने बताया कि वह अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर पॉपअप मैसेज भेजकर, उनके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. आरोपी विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम/लैपटॉप में बग भेजते हैं. इससे उनका सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता है. उसके बाद आरोपियों की ओर से विदेशी नागरिकों को पॉपअप मैसेज भेजा जाता है. विदेशी नागरिक मैसेज के लिंक से आरोपियों के पास कॉल करते हैं, ताकि उनके सिस्टम में जो समस्या आई है, उसे दूर किया जा सके. इसके बाद आरोपी आईवीआर कॉलिंग के जरिए विदेशी नागरिकों के साथ जुड़ जाते हैं.
बिट क्वाइन और क्रिप्टो करेंसी मे लेते थे पैसा : आरोपियों के पास जो कंप्यूटर मिले हैं, सभी में एक्सलाइट और वीसीडॉयल सॉफ्टवेयर होता है. इसी के माध्यम से विदेशी नागरिकों के सिस्टम का एक्सेस हासिल किया जाता है और नियंत्रण किया जाता है. विश्वास में लेने के बाद पैसे के लिए बारकोड भेजकर आरोपी रकम को बिट क्वाइन और क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करा लेते हैं. असुविधा को दूर करने के लिए सारी रकम गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो के जरिए ली जाती है.
इनके पास से मिले कंप्यूटर का डेटा चेक किया जाएगा. जिससे ये पता चल सके कि किन-किन लोगों से इन लोगों ने बातचीत की है . इनके पास कितना डेटा है. साथ ही डेटा कहां से आया. पूछताछ में बताया कि ये डेटा इनको डार्क वेब से मिलता है, जिसे खरीदा जा सकता है. फिलहाल अब तक ये लोग 150 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं. ये लोग गिफ्ट कार्ड और बिट क्वाइन के रूप में पैसा लेते थे. जिसे कैश कराने के बाद हवाला के जरिए भारत में पैसा आता था. इसकी जांच की जा रही है कि हवाला के इस खेल में कौन कौन लोग शामिल है. जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.
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