नई दिल्ली: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही हैं. लेकिन, साथ ही दलबदल भी देखने को मिल रहा है. इन्हीं तैयारियों के बीच गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी. पहली सूची में 'आप' ने छह प्रत्याशी घोषित किए हैं. ये सभी प्रत्याशी भाजपा, कांग्रेस और बसपा से आम आदमी पार्टी में इसी महीने शामिल हुए हैं.
इन छह प्रत्याशियों को आम आदमी पार्टी ने टिकट देने के पीछे उनके कद और चेहरे का भी ध्यान रखा है. ये सभी अपने-अपने इलाकों में अपना वर्चस्व रखते हैं. ये बात अलग है कि ये पिछले दो विधानसभा चुनावों लगातार हारे हैं. लेकिन, इन्होंने दूसरे दलों में रहते हुए भी 'आप' प्रत्याशियों को चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी. आइए जानते हैं इनके बारे में..
अनिल झा: भाजपा से किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके अनिल झा की भाजपा में भी अच्छी पकड़ रही है. दो बार विधायक रहने के बाद तीसरी और चौथी बार भी भाजपा ने अनिल झा पर ही भरोसा जताते हुए टिकट दिया. पिछले दो चुनाव से लगातार वह 'आप' के मौजूदा विधायक गोविंद ऋतुराज से चुनाव हारे हैं. लेकिन, अनिल झा इसी सप्ताह पार्टी में शामिल हुए और उन्हें टिकट भी मिल गया.
ब्रह्म सिंह तंवर: वह दक्षिणी दिल्ली की छतरपुर और महरौली दोनों विधानसभा सीटों से भाजपा से विधायक रह चुके हैं. हालांकि उन्हें पिछले दो चुनाव से हार का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें 'आप' के टिकट पर चुनाव लड़े करतार सिंह तंवर ने दो बार हराया है. इसके बावजूद वह दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पकड़ रखते हैं. खासकर गुर्जर मतदाताओं में उनकी खासी पकड़ है. जब करतार सिंह तंवर कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल हुए तो ब्रह्म सिंह तंवर भी 'आप' में शामिल हो गए.
बीबी त्यागी: बीबी त्यागी की राजनीतिक शुरुआत भाजपा से हुई है. त्यागी लक्ष्मी नगर से दो बार पार्षद रहने के साथ ही वह निगम की स्थाई समिति के अध्यक्ष और नेता सदन रह चुके हैं. साथ ही भाजपा से लक्ष्मी नगर विधानसभा से वर्ष 2008 में विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. एके वालिया से हार का सामना करना पड़ा था. लक्ष्मीनगर में उनकी सामान्य नेता के तौर पर पहचान है.
वीर सिंह धिंगान: वीर सिंह धिंगान सीमापुरी विधानसभा से तीन बार कांग्रेस विधायक रह चुके हैं. हालांकि जब तक प्रदेश में कांग्रेस ताकतवर रही तभी तक वह चुनाव जीतने में सफल रहे. पिछले तीन चुनाव से उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है. पहला चुनाव उन्हें आम आदमी पार्टी के संतोष कोली, वहीं अन्य दो चुनाव में मौजूदा विधायक राजेंद्रपाल गौतम ने हराया. अब जब राजेंद्रपाल गौतम आम आदमी पार्टी में अलग-थलग पड़ने के बाद कांग्रेस में चले गए है, तो वीर सिंह धिंगान आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं.
जुबैर अहमद: जुबैर के पिता चौधरी मतीन अहमद कांग्रेस पार्टी से सीलमपुर विधासनभा क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं. खुद जुबैर एक बार निगम पार्षद और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हैं. उनकी पत्नी शगुफ्ता चौधरी सीलमपुर के चौहान बांगर वार्ड से पार्षद भी हैं. क्षेत्र में जुबैर की अपने पिता मतीन अहमद की वजह से मजूबत पकड़ है. हालांकि, मतीन अहमद को पिछले दो चुनाव से 'आप' के प्रत्याशियों से हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन, इस बार खुद जुबैर को 'आप' ने अपना प्रत्याशी बनाया है तो जीतने की संभावना प्रबल हो गई है. क्योंकि मतीन अहमद कांग्रेस से चुनाव लड़कर भी पिछले दोनों चुनाव मे 20 हजार से ज्यादा वोट पाते रहे हैं.
राम सिंह नेताजी: राम सिंह नेताजी की बदरपुर विधासभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. वह यहां से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. वह पहले कांग्रेस में थे लेकिन, 2015 का चुनाव आप के नारायण दत्त शर्मा से हारने के बाद पिछले चुनाव के समय वह 'आप' में शामिल हो गए थे. पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी से हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर आप ने राम सिंह नेताजी पर भरोसा जताया है.
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