नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को गगूल पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट ने गूगल को यह अर्थदंड गलत तथ्य प्रस्तुत करने और यूरोपीय पेटेंट कार्यालय द्वारा पेटेंट से इनकार करने के संबंध में जानकारी का खुलासा करने में विफलता के लिए सुनाया है. न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने पेटेंट और डिजाइन के सहायक नियंत्रक के आवेदन को खारिज करने के आदेश के खिलाफ गूगल द्वारा दायर अपील को भी खारिज कर दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आविष्कारी कदमों की कमी के कारण गूगल का आवेदन खारिज किया गया है. वहीं, गूगल ने दावा किया है कि एप्लिकेशन को EPO से पहले ही छोड़ दिया था.
गूगल हटाएगा इनकॉग्निटो मोड का यूजर डाटा:गूगल अपने क्रोम ब्राउजर में प्राइवेसी फीचर के तौर पर प्रचारित किए जाने वाले इनकॉग्निटो मोड में भी यूजर के सर्च डाटा का रिकार्ड करता रहा है. इसके खिलाफ 2020 में एक मुकदमा दायर किया गया था. इस मामले में अब गूगल अमेरिका के करीब 13.6 करोड़ लोगों के इनकॉग्निटो मोड के सर्च डाटा को नष्ट करने पर सहमत हुआ है. इस मामले में समझौते की कीमत करीब 500 करोड़ डॉलर तय हुई है.
हालांकि, किसी भी गूगल यूजर या वादकर्ता को कोई मौद्रिक लाभ नहीं होगा. बल्कि, इस कीमत को गूगल को इस डाटा को नष्ट करने के लिए खर्च करनी होगी. इसके अलावा गूगल ऐसे पुख्ता व्यवस्था भी बनाएगा, जिसके तहत भविष्य में यूजर का इस तरह का कोई डाटा कलेक्ट नहीं किया जा सके. हालांकि, इस मामले के आधार पर व्यक्तिगत तौर पर लोग गूगल के खिलाफ मौद्रिक लाभ के लिए क्षतिपूर्ति का दावा भी कर सकते हैं.
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