जलवायु परिवर्तन की समस्या का होगा समाधान (ETV BHARAT) नई दिल्लीः विकास की दौड़ में प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है, जिसका असर लोगों पर पड़ रहा है. इस बार दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों को लू का प्रकोप झेलना पड़ा. इसी तरह दिल्ली में पहली बारिश ने पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया. प्रदूषण की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की समस्या से पार पाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 7 बिंदुओं पर काम किया जाएगा. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को इसको लेकर सचिवालय में 40 संस्थाओं के साथ बैठक की.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया में पॉलिसी बन रही है. भारत सरकार भी इसे लेकर गंभीर है. दिल्ली में वर्ष 2019 में पॉलिसी बनाई गई थी. परिस्थितियों को देखते हुए पॉलिसी में बदलाव करने की भी प्रक्रिया की गई. पॉलिसी में बदलाव को लेकर एक कोर कमेटी बनाई गई थी. बुधवार को दिल्ली सचिवालय में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर 40 संस्थाओं के साथ बैठक की गई. इसमें सभी विभागों के अधिकारियों ने अपनी बातें रखी.
इन सात बिदुओं पर तैयार होगी रिपोर्टः
- बिजली क्षेत्र से किस तरह प्रकृति पर असर पड़ रहा है, जिससे जलवायु परिवर्तन हो रहा है. उससे कैसे नपटा जा सकता है.
- कचरा प्रबंधन पर काम किया जाएगा. क्योंकि कूड़े की बदबू से वायु दूषित होती है. दिल्ली में कूड़े के पहाड़ बड़ी समस्या है.
- जल प्रदूषण यानी यमुना नदी का पानी बहुत ज्यादा प्रदूषित होता है. यमुना नदी व भूजल को दूषित होने से कैसे बचाया जाएगा.
- ग्रीन बेल्ट बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार व्यवस्थित तरीके से पौधारोपण कर रही है. जिन इलाकों में कम पौधे हैं, वहां भी पौधारोपण करेंगे.
- ट्रांसपोर्ट के कारण हो रहे प्रदूषण को कैसे कम करें. 100 प्रतिशत दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्लीट इलेक्ट्रिक हो इसके लिए काम किया जा रहा है.
- कृषि से किस तरह पर्यावरण पर असर पर रहा है. पराली व खेत के अन्य अपशिष्ट जलाने से वायु प्रदूषण होता है.
- जलवायु परिवर्तन का लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ रहा है. उसे कैसे कंट्रोल किया जाए. अस्पतालों में क्या व्यवस्था होनी चाहिए.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पहले बनी पॉलिसी के अनुसार अब क्या करना है?. समय से साथ क्या चुनौतियां आ सकती है?. इन सभी विषय पर चर्चा हुई. इसके बाद सात बिंदुओं पर काम करने का निर्णय लिया गया है. इन सातों बिंदुओं पर क्या काम किया जाएगा. इसकी डिटेल रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. अनुमति मिलने की बाद प्लान के मुताबिक काम किया जाएगा.
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