नई दिल्ली: दिल्ली में आए दिन आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. खासकर दिल्ली का नरेला इलाके ऐसा है जहां इन दिनों सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा रही हैं. बावजूद इसके नरेला का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल इस तरह की घटनाओं को लेकर कोई ज्यादा गंभीर नहीं दिख रहा है. इसका ताजा उदाहरण यह है कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल दूसरी बार फायर सेफ्टी निरीक्षण में फेल हो गया है. दिल्ली अग्निशमन विभाग की तरफ से जिन कमियों को दूर करने को कहा गया था, उन पर गंभीरता से काम नहीं किया गया.
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली फायर सर्विस विभाग के अधिकारियों की ओर से राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में आग से निपटने के लिए किए गए सुरक्षा इंतजामों का जून माह में बारीकी से जायजा लिया गया था. फायर विभाग ने अस्पताल के बेसमेंट ग्राउंड और चार मंजिला भवन के संचालन का बारीकी से निरीक्षण किया था. इस दौरान फायर विभाग के अधिकारियों की ओर से अलग-अलग तरह की सात बड़ी खामियां गिनाई गईं थीं जिनको दूर करने के लिए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए गए थे. फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट को इन सभी कमियों के चलते रिन्युअल नहीं किया गया था और एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया गया था.
सके बाद अब अस्पताल प्रशासन की ओर से एक बार फिर से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट रिन्युअल एप्लीकेशन 26 जून 2024 को अप्लाई की गई. आवेदन मिलने के बाद दिल्ली फायर सर्विस विभाग की ओर से बिल्डिंग का पुनर्निरीक्षण किया गया. यह पुनर्निरीक्षण 19 जुलाई को अस्पताल के इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर एसएन शर्मा की मौजूदगी में किया गया. इस पुनर्निरीक्षण के दौरान दिल्ली अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की तरफ से पाया गया कि पूर्व में बताई गई 7 कमियों में से सिर्फ 2 को ही दूर करने का काम अस्पताल प्रशासन की ओर से किया गया. इमसें मैन्युअल ऑपरेटेड इलेक्ट्रॉनिक फायर अलार्म सिस्टम को चालू करना और पंपिंग सिस्टम ऑटो मोड में रखना शामिल है. बाकी कमियों को दूर करना अस्पताल प्रशासन ने जरूरी नहीं समझा जोकि इस तरह से हैं:-
- नए कंस्ट्रक्शन की वजह से 6 मीटर की इंटरनल रोड बाधित है.
- फायर चेक डोर्स के डोर क्लोजर्स अभी भी हटे हुए हैं.
- बेसमेंट के फायर चेक डोर्स अभी भी टूटी-फूटी हालत में है.
- होज बॉक्सेज जो मिले हैं उनमें होज पाइप नहीं पाई गई.
- फायर कंट्रोल रूम और पेशेंट रजिस्ट्रेशन रूम को सेपरेट नहीं किया गया है.
दिल्ली फायर विभाग के निदेशक अतुल गर्ग की ओर से सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल के हेड ऑफ ऑफिस डॉ. आशुतोष गुप्ता को एक पत्र भेजकर इन सभी मौजूदा कमियों से अवगत कराया है. निदेशक ने कहा कि इस स्तर पर अस्पताल बिल्डिंग/परिसर में इन सभी फायर सेफ्टी इंतजामों की कमी पाए जाने पर फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट को रिन्युअल नहीं किया जा सकता. इसलिए एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया गया है. निदेशक ने यह भी साफ किया है कि बिल्डिंग परिसर का संचालन इन सभी कमियों के साथ किया जाता है तो यह सब अस्पताल के ऑनर और संचालक के रिस्क पर ही होगा और उनकी इसके लिए जवाबदेही होगी.