नई दिल्ली:दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वन स्टॉप सेंटर के लिए आए फंड में से 87 फीसदी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट को दिल्ली सरकार ने यह सूचना दी. दिल्ली सरकार ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों को पिछले सात से नौ महीने से सैलरी नहीं मिली है और वो सेंटर के सभी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कदम उठाएगी.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि वो हमेशा ये स्पष्ट करती रही है कि वन स्टॉप सेंटर के लिए जारी फंड से इसके कर्मचारियों को सैलरी दी जा सकती है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि वो वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों को सैलरी न मिलने के लिए जिम्मेदार अफसरों की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें. हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग को दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
सेंटर की खराब हालत पर जताई थी चिंता:सुनवाई के दौरान राजस्व विभाग ने कहा कि विभाग की गलती की वजह से वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियो को सैलरी नहीं मिल पाई है और वो इन कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कदम उठाएगी. दरअसल, एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन ने याचिका दायर कर दिल्ली में वन स्टॉप सेंटर की खराब हालत पर चिंता जताई थी. याचिका में कहा गया था कि वन स्टॉप सेंटर में आम तौर पर पुलिस सहायता के लिए कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं होता और दिल्ली पुलिस कोई सहयोग नहीं करती है.