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Delhi: हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मंत्री ने बनाई को-ऑर्डिनेशन कमेटी - DELHI POLUTION CONTROL PLAN

दिल्ली में सर्द मौसम की दस्तक के साथ ही प्रदूषण की चिंता सताने लगी है. सरकार प्रदूषण को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है.

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को लेकर की Emergency बैठक
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को लेकर की Emergency बैठक (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 18, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Oct 18, 2024, 6:05 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में इस बार प्रदूषण को लेकर सरकार कमर कस चुकी है. दिल्ली सरकार उस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है. इस कड़ी में शुक्रवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इमरजेंसी बैठक की. इस दौरान पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार ने शहर में "बहुत खराब" हवा से प्रभावित 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए एक समन्वय समिति बनाई गई है.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूरी दिल्ली 'खराब' हवा में सांस ले रही है, लेकिन13 हॉटस्पॉट पर यह विशेष रूप से 'बहुत खराब' है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 को पार कर गया है. उन्होंने बताया कि नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आरके पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 को इन 13 स्थानों के रूप में पहचाना गया है.

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि समितियों का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे. सभी हॉटस्पॉट पर डीपीसीसी के इंजीनियरों को भी नियुक्त किया गया है और वे 'प्रदूषण युद्ध कक्ष' को दैनिक रिपोर्ट सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि 13 हॉटस्पॉटों पर 300 से अधिक एक्यूआई के लिए धूल को एक प्रमुख कारक के रूप में पहचाना गया है. इन क्षेत्रों में हवा में धूल को कम करने के लिए 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं.

आनंद बिहार में सबसे अधिक प्रदूषण :पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आनंद बिहार का एक्यूआई पिछले चार-पांच दिनों से सबसे ऊंचा है. इस क्षेत्र में प्रदूषण के मुख्य कारणों की जांच के लिए कल एक विशेष ऑपरेशन चलाया गया. इससे पता चला कि सड़क की खराब स्थिति, अत्यधिक ट्रैफिक और निर्माण कार्य जैसे कारणों के चलते आनंद बिहार में धूल और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट की पहचान के लिए एमसीडी के डिप्टी कमिश्नरों को जिम्मेदारी दी गई है. इन 13 हॉट स्पॉट्स के लिए अलग-अलग कार्य योजनाएं बनाई गई हैं. जिन्हें डीपीसीसी के इंजीनियर्स द्वारा लागू किया जाएगा. विशेषकर मुंडका और ओखला फेज में भी टीमें गठित की गई है, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समन्वयित प्रयास करेंगी. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मोबाइल एंटी स्मॉग गन विभिन्न हॉटस्पॉट्स पर लगाई जाएगी. इसके अलावा एमसीडी विशेष रूप से हॉटस्पॉट्स पर पानी का छिड़काव करेगी, जिससे धूल और प्रदूषण को कम किया जा सके.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर साधा निशाना:मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखे पत्र का भी उल्लेख किया. जिसमें उन्होंने प्रदूषण की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी. गोपाल राय ने कहा कि इमरजेंसी स्थिति उत्पन्न होने वाली है. लेकिन अब तक आर्टिफिशियल रेन पर केंद्र सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी संबंधित एजेंसियां एक साथ मिलकर कार्य करें. गोपाल राय ने स्पष्ट किया कि कल से सभी टीमें मैदान में उतरेंगी और उनकी कोशिश होगी कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता को जल्द से जल्द सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए. प्रदूषण को नियंत्रित करना न केवल दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.

प्रदूषण के प्रमुख कारण: नए हॉट स्पॉट पर प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण सड़कों का खराब होना है. सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं और सड़कों पर धूल जमा है. वाहनों के आवागमन के दौरान सड़कों से धूल उड़ती है. इसके अलावा जाम में फंसे वाहन धुआं छोड़ते हैं, जिनकी वजह से प्रदूषण होता है.

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Last Updated : Oct 18, 2024, 6:05 PM IST

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