नई दिल्ली: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीरता से विचार करने को कहा. उन्होंने कहा,"हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है."
पीएम मोदी के इस बात पर छात्राओं ने प्रतिक्रिया दी. पत्रकारिता की छात्रा सुजाता ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा एक बड़ा सवाल है. आजादी के बाद से अभी तक कई कानून आए. फिर भी महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होना एक गंभीर विषय है. 10 वर्षों के कार्यकाल के बाद अब 11वें साल में महिला सुरक्षा की बात करना थोड़ा अजीब है. हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसने महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े किये हैं. कोलकाता में नर्स का रेप के बाद हत्या और मणिपुर में महिलाओं के बर्बरता तो सभी ने देखी. राजधानी को तो रेप कैपिटल का नाम ही दे दिया गया है.
लगातार सामने आ रही घटना:उन्होंने कहा, "पीएम की ओर से महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करना अच्छी बात है, लेकिन यह देखना होगा कि पीएम मोदी जिनको रक्षक कहा रहे हैं, उनको कब और किस तरह से सजा देंगे. सभी जानते है कि निर्भया कांड के समय सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी देशभर में लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना सामने आ रही है. कई बार देखने में आया है कि रेप जैसी घटना को भी राजनीति में फंसा दिया जाता है, जैसा कोलकाता में देखा जा रहा है. वहां मौजूदा पार्टियां एक दूसरे की बातों को काउंटर करने में लगी है, लेकिन आरोपियों को सजा नहीं दी गई है."