नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद वापसी हुई है. 2025 के इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक सीट दर्ज की है. इससे भाजपा के दिल्ली प्रदेश से लेकर केंद्रीय संगठन में खुशी की लहर है. वहीं, 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को बड़ी शिकस्त मिली. आम आदमी पार्टी सिर्फ 22 सीटें ही जीत सकी. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अवध ओझा, सौरभ भारद्वाज जैसे आप के बड़े नेता अपनी सीट पर नहीं जीत सके. ये आम आदमी पार्टी की राजनीति में किसी आपदा से कम नहीं है.
1998 में दिल्ली की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई थी. इसके बाद वर्ष 2013 में दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी की सरकार आई. वर्ष 2013 में हुए चुनाव में जनता ने दिल्ली की सत्ता की बागडोर आम आदमी पार्टी को सौंपी. इसके बाद से लगातार आम आदमी पार्टी की सरकार थी. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीट मिली थी.
आप को इस बार दिल्ली की जनता ने नकारा:वर्ष 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 सीट मिली थी. 10 साल से अधिक समय से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को इस बार दिल्ली की जनता ने नकारा है. आम आदमी पार्टी 70 में से सिर्फ 22 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज, अवध ओझा जैसे नामचीन नेताओं को इस चुनाव में हार मिली है. इस हार के कारण जिन 22 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हुई है, वो भी जीत का जश्न नहीं मना पा रहे हैं.