नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में इस बार शिक्षा निदेशालय की ओर से एक ही स्कूल में 10 साल से पढ़ा रहे शिक्षकों के तबादले को लेकर निदेशालय और शिक्षा मंत्री आमने-सामने हैं. इस बार शिक्षा निदेशालय ने उन सभी शिक्षकों का तबादला कर दिया है, जो 10 साल से एक ही स्कूल में पढ़ा रहे थे. इस तरह के कुल 5006 शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. शिक्षकों के तबादला से शिक्षा मंत्री नाराज हैं और उन्होंने शिक्षा निदेशालय और शिक्षा सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. पूछा है कि उनके मना करने के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों का ट्रांसफर क्यों किया गया? उनके आदेश की अवहेलना आखिर क्यों की गई?
दिल्ली के सरकारी स्कूल में ट्रांसफर के नियम:जामा मस्जिद सरकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य गयूर अहमद ने बताया, "अभी तक हर साल शिक्षक ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन करते थे. शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अध्यापक जिन स्कूलों में पद खाली होते थे उन स्कूलों में अपने विषय के हिसाब से ट्रांसफर के लिए आवेदन करते थे. आवेदन करने के बाद फिर निदेशालय से ट्रांसफर की लिस्ट आती थी और शिक्षकों की ओर से दी गई वरीयता के आधार पर ट्रांसफर होता था. ट्रांसफर के लिए अपनी वरीयता के अधार पर तीन विकल्प दिए जाते थे. उन तीन में से किसी एक स्कूल में उनके द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर ट्रांसफर हो जाता था."
गयूर अहमद ने बताया, "वर्षों से दिल्ली सरकार के स्कूलों में ट्रांसफर का यही नियम चल रहा था. लेकिन इस बार शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अधिकारी आरएन शर्मा ने नया नियम लागू करते हुए 10 साल से एक ही स्कूल में पढ़ा रहे सभी शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया. कुछ स्कूलों में लगातार 10 साल से कार्यरत रहने के कारण यह शिक्षक स्कूल में एक से ज्यादा जिम्मेदारियां निभा रहे थे. उनका ट्रांसफर होने से कई स्कूल ठप होने के कगार पर आ गए हैं. इस वजह से भी निदेशालय के इस निर्णय का विरोध हो रहा है और शिक्षा मंत्री भी इससे नाराज हैं."