नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने और नए मतदाताओं के पंजीकरण में बाधा डालकर चुनावी प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कथित मतदाता सूची में हेराफेरी की जांच शुरू करने और उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त अधिकारियों या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र : दो विशिष्ट अधिकारियों, लक्ष्य सिंघल, डीएम, दक्षिण पश्चिम दिल्ली और ओपी पांडे, एसडीएम, चाणक्यपुरी का नाम लेते हुए, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि जांच समिति को नामित अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में काम करने वाले एडीएम, एसडीएम, एईआरओ और बीएलओ को बुलाना चाहिए. समिति को राजनीतिक दलों के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत सहित मतदाता सूची में हेराफेरी के बारे में पूरे निर्णय लेने और कार्यान्वयन श्रृंखला की व्यवस्थित रूप से जांच करनी है.
निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने के दोषी अधिकारी पर हो सख्त कार्रवाई :इसके अलावा, जांच को यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या अन्य अधिकारियों द्वारा भी ऐसी गतिविधियाँ की जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, "यदि कोई अधिकारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने का दोषी पाया जाता है, तो चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए." इससे पहले दिन में आतिशी ने केंद्र सरकार पर आगामी विधानसभा चुनावों को गलत तरीके से प्रभावित करने के लिए दिल्ली के लोगों के खिलाफ "बड़ी साजिश" रचने का आरोप लगाया.
मंगलवार को केंद्र सरकार पर लगाया सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप :मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी ने दावा किया था कि केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों के खिलाफ साजिश कर रही है. गलत तरीकों से चुनाव जीतने के लिए वह बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम कटवाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है. इस साजिश के तहत 28 अक्टूबर को दिल्ली के 29 एसडीएम-एडीएम का तबादला किया गया और उसके बाद बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम कटवाने के आदेश जारी किए गए.