नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव में AAP की भारी जीत के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चौथी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार बनने के बाद AAP अपनी सभी मौजूदा योजनाओं को जारी रखेगी और महिला सम्मान योजना, संजीवनी योजना और पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना सहित नए वादों को भी पूरा करेगी. संजय सिंह ने कहा, "अरविंद केजरीवाल पूर्ण बहुमत के साथ चौथी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे.
सभी चल रही योजनाएं जारी रहेंगी: संजय सिंह ने कहा कि मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज, माताओं और बहनों के लिए मुफ्त बस यात्रा और बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा, यह सभी योजनाएं जारी रहेगी. उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में हम 2100 रुपये की महिला सम्मान योजना और 'संजीवनी योजना' के तहत सभी बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज लागू करेंगे. हमने पुजारियों के लिए 1800 रुपये की पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की भी घोषणा की है और हम उसे भी पूरा करेंगे."
AAP के खिलाफ पूरी भाजपा मैदान में: संजय सिंह ने कहा कि हालांकि सभी भाजपा सांसद और मंत्री केजरीवाल के खिलाफ लड़ने के लिए दिल्ली आए हैं, लेकिन जीत केजरीवाल की ही होगी. संजय सिंह ने कहा, "पूरी दिल्ली में AAP और अरविंद केजरीवाल के पक्ष में लहर है और AAP फिर से सरकार बनाएगी. एक अरविंद केजरीवाल से लड़ने के लिए सभी सांसद (भाजपा के) और मंत्री दिल्ली आए हैं, लेकिन जीतेगा केजरीवाल."
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल को कड़ी चुनौती: संजय सिंह ने कहा कि AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद कांग्रेस के संदीप दीक्षित और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रवेश वर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. वे पश्चिम दिल्ली से पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और मतगणना 8 फरवरी को होगी. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं. दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई है. इसके विपरीत, AAP ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कुल 70 सीटों में से क्रमशः 67 और 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को इन चुनावों में केवल तीन और आठ सीटें ही हासिल हुसकी थी.