नई दिल्लीःदिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम के उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पेरोल दे दी है. उन्हें हाईकोर्ट द्वारा नामांकन दाखिल करने के लिए एक दिन 16 जनवरी को पेरोल दी गई है, अगर वह किसी कारण 16 जनवरी को नामांकन दाखिल न कर सके तो 17 जनवरी को भी पेरोल पर रहेगें. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वो ताहिर हुसैन के नामांकन के लिए जरूरी समन्वय करें, ताकि उसके चुनाव लड़ने के अधिकार का उल्लंघन ना हो.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध: 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि हुसैन का यह कहना कि चुनाव लड़ना उनका मौलिक अधिकार है, तो चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. इसके अलावा वह चाहे तो जेल से भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस ने अपनी इस दलील के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया.
चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग: बता दें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अगर आपको केवल नामांकन भरना है तो आप जेल से भी कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि सांसद इंजीनियर रशीद को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, जबकि उनके खिलाफ भी टेरर फंडिंग का मामला चल रहा है. ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया था कि उन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. वे अपनी सभी संपत्तियों का विवरण देने को तैयार हैं. उन्हें अपने लिए एक प्रस्तावक भी खोजना है, और दिल्ली में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.