नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में रामलीला की तैयारियां आखिरी पड़ाव में हैं. पूरे शहर में कई जगहों पर अलग-अलग रामलीला की तैयारी हो रही हैं. इसी कड़ी में द्वारका सेक्टर-13 के डीडीए ग्राउंड पर होने वाली रामलीला कई मायनों में खास है. क्योंकि यह बाल रामलीला है, जिसका मंचन दिल्ली के लगभग 40 स्कूलों के हजारों बच्चे करेंगे. यहां हर दिन अलग-अलग स्कूलों के बच्चे अपने-अपने रामलीला का मंचन करेंगे. यह बिल्कुल अनोखे तरीके की रामलीला होगी. जिसमें छह साल के राम और छह साल की सीता भी होंगी. इसके अलावा हर दिन हर दृश्य में राम और सीता के रूप को प्रस्तुति देने वाले बाल कलाकार बदल जाएंगे.
कब शुरू हुई थी बाल रामलीला:द्वारका सेक्टर-13 के डीडीए ग्राउंड पर साल 2017 में संपूर्ण बाल रामलीला की शुरुआत हुई थी. तब से यहां हर साल इस रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. संपूर्ण बाल रामलीला समिति की अध्यक्षा प्रीतिमा खंडेलवाल बताती हैं कि बच्चों को भारतीय परंपरा से जोड़ने के लिए इसकी शुरुआत 7 साल पहले की गई थी. तब बड़ी मुश्किल से महज तीन स्कूलों के करीब 100 बच्चों ने बाल रामलीला का मंचन तीन दिनों के लिए किया था. उस समय हजारों की संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे थे, जिसके बाद हमने प्रतिवर्ष इसके आयोजन का फैसला लिया. हर साल इसमें स्कूल जुड़ते चले गए और यह बाल रामलीला काफी बड़ी हो गई. रामलीला समिति के महासचिव हरीश कोचर कहते हैं कि इस साल करीब 40 स्कूलों के 4000 बच्चे रामलीला का अलग-अलग दिनों में मंचन करेंगे.