उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

दून नगर निगम महाघोटाला: स्वच्छता समिति के फर्जी 99 सफाई कर्मचारियों की आख्या तैयार, अब होगी 9 करोड़ की रिकवरी - Dehradun Municipal Corporation scam - DEHRADUN MUNICIPAL CORPORATION SCAM

Dehradun Municipal Corporation Sanitation Committee Salary Scam देहरादून नगर निगम में सफाई कर्मचारियों को फर्जी वेतन के जरिए करीब 9 करोड़ के घोटाले की आख्या तैयार हो गई है. अब उम्मीद है कि आज शनिवार को नगर आयुक्त को आख्या सौंपी जाएगी. इसके बाद करोड़ों के घोटाले में रिकवरी शुरू हो जाएगी. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि करीब 9 करोड़ के इस घोटाले को पूरा पांच साल कैसे अंजाम दिया गया.

Dehradun Municipal Corporation
नगर निगम वेतन घोटाला (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 15, 2024, 7:37 AM IST

देहरादून: शहर की सफाई व्यवस्था में लगाए नगर निगम की ओर से स्वच्छता समिति के तहत सफाई कर्मचारियों के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के वेतन फर्जीवाड़े के मामले में रिपोर्ट फाइल तैयार हो चुकी है. बस अब स्वास्थ्य नगर अधिकारी द्वारा नगर आयुक्त को आख्या सौंपनी रह गई है.

उम्मीद जताई जा रही है एक-दो दिन में फाइल नगर आयुक्त के पास आ जायेगी. उसके बाद नगर निगम द्वारा 99 सफाई कर्मचारियों द्वारा हुए वेतन में गबन के मामले में रिकवरी शुरू की जाएगी. बता दें कि नगर आयुक्त ने जांच रिपोर्ट में चार बिंदुओं पर स्वास्थ्य अधिकारी से आख्या मांगी थी. स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सीडीओ से आई जांच रिपोर्ट में चार बिंदुओं में जांच करते हुए इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर और साल 2019 से 2 दिसंबर 2023 तक कर्मचारियों के वेतन की वार्डवार सूची तैयार कर ली है.

पूरा मामला क्या है:बता दें कि साल 2019 में तीसरी बोर्ड बैठक में निर्णय लेने के बाद नगर निगम के सभी 100 वार्डों में साफ-सफाई के लिए स्वच्छता समिति बनाई गई थी. प्रत्येक वार्ड में बनाई गई समिति में 8 से 12 सफाई कर्मचारी कार्यरत बताए गए थे. 15-15 हजार रुपए स्वच्छता समिति को दिया जाता था. ऐसे में शहर भर में यह संख्या करीब एक हजार है. नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने से पहले सफाई कर्मचारियों का वेतन स्वास्थ्य समिति को दिया जाता था.

लेकिन 2 दिसंबर को बोर्ड भंग होने के बाद नई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया था. कर्मचारियों के वेतन और पीएफ आदि में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सीधे कर्मचारियों के खाते में वेतन की धनराशि ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए नगर निगम ने समितियों के एक-एक कर्मचारी की भौतिक उपस्थित, आधार कार्ड और बैंक खाता संख्या जुटाए थे. लेकिन नगर निगम की टीम ने सत्यापन में पाया कि पहले उपलब्ध कराई गई सूची में से कई कर्मचारी मौके पर नहीं मिले. उनके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति कार्य करते पाए गए. जिससे साफ हो गया कि सूची के अनुसार दिया जा रहा वेतन गलत व्यक्ति को दिया जा रहा था.

इसके बाद नगर निगम प्रशासक सोनिका ने सीडीओ झरना कामठन को मामले की जांच सौंपी. भौतिक सत्यापन के साथ दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि 22 वार्डों में 99 कर्मचारी ऐसे थे, जिनके नाम नगर निगम को उपलब्ध कराए गए थे. लेकिन चौंकाने वाली बात ये थी कि वह मौके पर नहीं थे. सीडीओ द्वारा करीब चार महीने में जांच पूरी हुई और फिर रिपोर्ट मई की शुरुआत में जिलाधिकारी के टेबल तक पहुंची. वहां से करीब एक हफ्ते बाद नगर आयुक्त गौरव कुमार ने जांच रिपोर्ट को लेकर वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी से चार बिंदुओं पर आक्ष्या मांगी थी. शुक्रवार को रिपोर्ट तैयार हो गई है.

स्वच्छता समिति के तहत सफाई कर्मचारियों को हर महीने कर्मचारी के नाम पर 15 हजार रुपए वेतन जारी किया जाता था. ऐसे में प्रति महीने 99 फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर वेतन 14 लाख 85 हजार और प्रति साल एक करोड़ 78 लाख 20 हजार रुपए और बोर्ड के पूरे पांच साल के कार्यकाल में आठ करोड़ 91 लाख रुपए का भुगतान किया गया है.

नगर निगम के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया है कि स्वच्छता समिति की सीडीओ द्वारा जांच रिपोर्ट नगर निगम में आने के बाद 99 सफाई कर्मचारियों के चार बिंदुओं पर आख्या मांगी गई थी. जांच रिपोर्ट की आख्या पूरी हो गई और सभी बिंदुओं पर सूचीवार लिस्ट बना ली गई है. उम्मीद जताई जा रही है आज यानी शनिवार तक यह आख्या नगर आयुक्त को सौंप दी जाएगी. उसके बाद रिकवरी शुरू की जायेगी.
ये भी पढ़ें:

99 सफाई कर्मचारियों के वेतन फर्जीवाड़े मामले में जल्द होगी रिकवरी, एक्शन में नगर आयुक्त

सफाई कर्मचारियों के वेतन के नाम पर डकारा गए करोड़ों रुपए!, फाइलों में रेंग रही जांच, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून नगर निगम तैयार करेगा 60 करोड़ के गड़बड़झाले की विस्तृत रिपोर्ट, निकाय चुनाव से पहले कई पार्षदों को लगेगा झटका

ABOUT THE AUTHOR

...view details