संभल :प्रचंड गर्मी के बीच आग जलाकर तपस्या कर रहे संत की अचानक तबीयत बिगड़ी और कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई. पागल बाबा के नाम से संत की लोगों के बीच काफी ख्याति थी. धरती के बढ़ते तापमान, विश्व शांति और नशा मुक्ति को लेकर पागल बाबा ने 23 से 27 मई तक तपस्या का संकल्प लिया था. बाबा के सेवादारों ने बताया कि इसके लिए बाकायदा एसडीएम से अनुमित भी लगी गई थी. तपस्या पूरी होने में एक दिन बचा था, इसी बीच यह घटना हो गई. संत की मौत के बाद सेवादारों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं प्रशासन के अनुमति पक्ष को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर इतनी भीषण गर्मी में संत को तपस्या की अनुमति आखिर कैसे मिल गई. और फिर तपस्या स्थल के पास चिकित्सा के कोई इंतजाम क्यों नहीं थे?
इधर पागल बाबा की तपस्या के दौरान मौत की सूचना तेजी से फैली. उनको देखने के लिए अस्पताल में लोग पहुंचने लगे. वहीं जानकारी हुई तो मुख्य विकास अधिकारी और एसडीएम सहित आला अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे. पुलिस ने संत की डेडबॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
अमेठी के एक गांव के रहने वाले पागल बाबा नशा मुक्ति और विश्व शांति के लिए तपस्या करना चाहते थे. उन्होंने संभल सदर एसडीएम विनय मिश्रा से 23 से 27 मई तक की अनुमति ली थी. इसके बाद केला देवी थाना क्षेत्र के गांव बेनीपुर में चारों ओर आग जलाकर 23 मई से तपस्या शुरू कर दी. इस दौरान संत अपनी तपस्या में लीन रहते थे. भयंकर गर्मी के बीच जल रही आग के बीच बैठे पागल बाबा को देखने के लिए दूरदराज से लोग पहुंचने लगे. उनकी चर्चा क्षेत्र में फैलने लगी.